भाजपा ने कर्नाटक में खेला यूनिफॉर्म सिविल कोड का कार्ड

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपनी घोषणा पत्र जारी कर दी है। पार्टी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को प्रमुख मुद्दा बनाया है। भाजपा के इस रुख से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2024 लोकसभा चुनाव में यूनिफॉर्म सिविल कोड को इग्नोर नहीं किया जा सकता है।

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आशुतोष मिश्र

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपनी घोषणा पत्र जारी कर दी है। पार्टी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को प्रमुख मुद्दा बनाया है। भाजपा के इस रुख से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2024 लोकसभा चुनाव में यूनिफॉर्म सिविल कोड को इग्नोर नहीं किया जा सकता है। यह संभव है कि पार्टी इसे प्रयोग के तौर पर कर्नाटक में परीक्षण करना चाह रही है और इसके परिणाम आने के बाद आने वाले चुनाव में इस मुद्दे को जनता के बीच मजबूती से रखा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में 10 मई को पूरे राज्य में एक साथ चुनाव होने हैं। उसके बाद 13 मई को परिणाम आएगा। घोषणा पत्र जारी करने में कांग्रेस आगे रही। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने अपनी घोषणापत्र जनता के बीच पेश कर दिया। कांग्रेस ने अपनी घोषणापत्र में प्रमुख रूप से निम्न बिंदुओं को रखा है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों को एक मास्टर हेल्थ चेक अप मुफ्त करने का वादा किया है। इसके अलावा सभी गरीबों को आधा लीटर नंदनी दूध और 5 किलो अनाज प्रति दिन मुफ्त देने की घोषणा की गई है। इसके अलावा अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए फिक्स डिपॉजिट प्लान की घोषणा की है। प्रदेश में टूरिस्ट सर्किट विकसित करने के लिए 15 सौ करोड़ रुपए का फंड देने का वादा किया है।

सोमवार को भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया। इसमें बीपीएल परिवारों को आधा लीटर दूध मुफ्त देने की घोषणा कांग्रेस की तरह दोहराई गई है। पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि वह बीपीएल परिवारों को आधा किलो नंदनी दूध देगी। इसके अलावा तीन रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त देने की बात कही गई है। घोषणापत्र में सबसे महत्वपूर्ण बात यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर की गई है। भाजपा ने दावा किया है कि अगर वह सत्ता में लौटती है तो वह राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करेगी। इसके अनुसार हर राज्य में नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू होगा। चाहे वह किसी धर्म जाति का हो। सभी जाति धर्म के लिए शादी तलाक उत्तराधिकार जमीन विवाद जैसे निपटारे के लिए सभी कानून एक जैसे होंगे। इसे मानना सभी नागरिको के लिए अनिवार्य होगा। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी ने लिटमस टेस्ट की तरह यूनिफॉर्म सिविल कोड को कर्नाटक में आगे बढ़ाया है। पार्टी के इस संकेत से यह कहा जा सकता है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा प्रमुख होगा। पार्टी इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी। 

राजनीतिक जानकारों का कहना है पार्टी अपने इस अस्त्र को कर्नाटक में चलाकर परीक्षण भी कर लेना चाहती है ताकि आगे चलकर उसे किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े। पार्टी के थिंक टैंक का का मानना है कि अगर यह फार्मूला कर्नाटक में सफल होता है तो आने वाले 3 राज्यों के विधानसभा चुनाव राजस्थान छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी इसे दोहराया जाएगा। आने वाले समय में अगर इसमें कोई रुकावट नहीं आई तो संभव है कि 2024 का लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी इसी मुद्दे को लेकर आगे बढ़े। फिलहाल भाजपा कर्नाटक में किसी वर्ग को छोड़ना नहीं चाहती है। अपने घोषणा पत्र में गरीबों, अनुसूचित जाति, जनजाति और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए विशेष सहायता देने की घोषणा की है। संभव है कि यह घोषणा पत्र कर्नाटक की जनता को अच्छा लगे और वह पार्टी को सत्ता में लाने में प्रमुख भूमिका अदा करें। इसका नतीजा आने वाले 13 मई को पता चलेगा। First Updated : Monday, 01 May 2023