कर्नाटक में विकास के साथ धार्मिक मुद्दा आगे रख रही भाजपा

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक हफ्ते का समय बाकी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस और जेडीएस अपनी चुनावी रणनीति में थोड़ा सा भी ढील नहीं देना चाहती।

Saurabh Dwivedi
Saurabh Dwivedi

हाइलाइट

  • कर्नाटक में विकास के साथ धार्मिक मुद्दा आगे रख रही भाजपा

 

आशुतोष मिश्र

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक हफ्ते का समय बाकी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस और जेडीएस अपनी चुनावी रणनीति में थोड़ा सा भी ढील नहीं देना चाहती। यही कारण है कि चुनाव अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन में प्रदेश में कई जनसभाएं कर रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस भी भारतीय जनता पार्टी पर वार करने से पीछे नहीं हट रही है। वह कई मुद्दों पर भाजपा को भी घेरकर जनसमर्थन अपनी ओर मोड़ना चाह रही है। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक में विकास के मुद्दे के साथ धार्मिक मुद्दे को भी आगे रख रही है।

इसका ताजा उदाहरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच चुनावी संवाद में देखने को मिला चार-पांच दिन पहले एक जनसभा में खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना सांप से कर दी। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी काफी आक्रामक हो गई। पहले दौर में भाजपा  की ओर से वरिष्ठ नेताओं ने मलिकार्जुन खरगे की भर्तस्ना करते हुए उन्हें अपनी जबान पर कंट्रोल रखने की सलाह दी. वहीं नरेंद्र मोदी ने इस मौके को चुनावी मुद्दा बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी।

पलटवार में उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सांप भगवान शंकर के गले की शोभा है। अगर उन्होंने मुझे सांप कहा तो मुझे भगवान की गले की शोभा बनने में कोई परहेज नहीं है। कुल मिलाकर इस मुद्दे को धार्मिक रंग देखकर भारतीय जनता पार्टी चुनाव को अपने पक्ष में करना चाहती है। पार्टी चाह रही है कि इस मुद्दे को गर्म रखकर अपनी ओर अधिक से अधिक मतदाताओं को आकर्षित किया जा सके। इसलिए वह धार्मिक मुद्दे को किसी भी तरह से छोड़ना नहीं चाहती।

अभी यह मामला थमा ही नहीं था कि कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्र में एक ऐसे संवेदनशील मुद्दे को छुआ, जिससे भारतीय जनता पार्टी आक्रामक हो गई। दरअसल मंगलवार को कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में अपना घोषणा पत्र जारी किया। इसमें उन्होंने सत्ता में आने के बाद बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही। इसकी प्रतिक्रिया भारतीय जनता पार्टी की ओर से आई और उन्होंने इसे धर्म से जोड़ दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैली में खुद इस बात का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी पहले श्रीराम को ताले में बंद करके रखा। अब वह बजरंगबली को भी कैद करना चाहती है। ऐसे में कर्नाटक चुनाव में धार्मिक रंग सिर चढ़कर बोल रहा है।

चुनाव में महज एक हफ्ते का ही समय बचा है। इसलिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी एक दूसरे पर वार करने से जरा सा भी चूक नहीं रही हैं। दूसरी ओर ऐसे मुद्दे को उठाकर भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व के एजेंडे को भी आगे रखने जा रही है ताकि आने वाले चुनाव में उसे कर्नाटक में अधिक से अधिक सीटें मिल सके। उल्लेखनीय है कि पिछले चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी। भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश में पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। इसकी वजह से उसे विपक्ष में कुछ दिनों तक बैठना पड़ा। हालांकि डेढ़ साल बाद उसने कूटनीति का प्रयोग करते हुए प्रदेश में सरकार बना ली और पिछले साढ़े  3 साल से भारतीय जनता पार्टी सरकार चला रही है। दोबारा सत्ता में आने के लिए पार्टी हर तरह के जतन करने में जुटी हुई।

यही कारण है कि भाजपा ने घोषणा पत्र में विकास कार्यों के अलावा कुछ लोकलुभावन ऑफर भी दिए गए हैं इनमें गरीब परिवारों को दूध देने के अलावा वर्ष में तीन गैस सिलेंडर मुफ्त देने का वादा किया गया है। वही कांग्रेस भी भ्रष्टाचार के मुद्दे को छोड़ नहीं रही है। वह चुनाव में मौके पर भारतीय जनता पार्टी के ऊपर भ्रष्टाचार करने का लगातार आरोप लगाकर प्रहार कर रही है। कुल मिलाकर कर्नाटक में 10 तारीख को होने वाला चुनाव काफी रोचक होने वाला हैं। तीन दिन बाद जनता के रुख का भी पता चल जायेगा।

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03 May 2023, 06:30 PM IST

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