पाकिस्तान में सेना का बढ़ रहा हस्तक्षेप
एक दिन पूर्व पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में हिंसा की तमाम खबरें आ रही हैं। इसमें कुछ लोगों की मौत के साथ चारों ओर उपद्रव के समाचार मिले हैं
हाइलाइट
- पाकिस्तान में सेना का बढ़ रहा हस्तक्षेप
आशुतोष मिश्र
एक दिन पूर्व पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में हिंसा की तमाम खबरें आ रही हैं। इसमें कुछ लोगों की मौत के साथ चारों ओर उपद्रव के समाचार मिले हैं। राजनीतिक विचारको का कहना है कि पाकिस्तान में अगर हालात इसी तरह रहे तो इमरजेंसी जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। फिलहाल वहां पर वर्तमान सरकार हालात पर काबू पाने में लगी हुई है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को दिन में अचानक पाकिस्तान से एक बड़ी खबर आई, जिसमें वहां की पुलिस द्वारा देश के पूर्व प्रधानमंत्री को अचानक कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें गिरफ्तार करने का तरीका अलग ढंग का रहा। जिस समय इमरान खान को गिरफ्तार किया गया, उस समय उनके सैकड़ों समर्थक कोर्ट के बाहर मौजूद थे। इसकी वजह से पाकिस्तान पुलिस को उनके समर्थकों से धक्का-मुक्की भी करनी पड़ी। इस संघर्ष में इमरान खान के वकील भी घायल हो गए। जिसकी तस्वीरें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में समाचार के रूप में दिखाई गई।
अब यहां यह समझना जरूरी है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री को गिरफ्तार क्यों किया गया। दरअसल, एक ट्रस्ट के घोटाले के मामले में उन्हें कोर्ट में पेशी पर लाया गया था। अलकादिर नामक ट्रस्ट घोटाले में इमरान खान को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार करने के बाद उन्हें पुलिस ने रिमांड पर मांगा। नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो की रिमांड पर 8 दिन के लिए उन्हें भेज दिया गया। इमरान की राजनीतिक पार्टी तहरीक ए इंसाफ यानी पीटीआई के समर्थकों के बीच सुरक्षा बलों के साथ काफी झड़प हुई।
पिछले 2 दिनों में पाकिस्तान में हर जगह प्रदर्शन की खबरें मिली हैं। प्रदर्शन के अलावा वहां हुई हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। पाकिस्तान के 2 राज्यों पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हजारों की संख्या में फोर्स तैनात है। बाकी 2 राज्यों सिंध एवं बलूचिस्तान में भी हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। इसके अलावा चांग इलाके में पाकिस्तान के न्यूक्लियर फैसिलिटी पर कमांडो तैनात किए गए हैं, ताकि वहां पर किसी भी प्रकार की अनहोनी घटना न हो सके। हालांकि इस बीच पूरी दुनिया में इस तरह की खबरें चलने लगी कि पाकिस्तान में सैनिक सत्ता एक बार दोबारा स्थापित हो सकती है। यही कारण है कि सैनिक सत्ता के हस्तक्षेप के कारण पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी हुई। इस तरह की खबरें चलने के बाद पाकिस्तान की फौज की तरफ से सफाई आई कि इमरान खान की गिरफ्तारी से उनका कोई ताल्लुक नहीं है। उनकी गिरफ्तारी कानून के मुताबिक हुई है। पीटीआई के कुछ नेता हिंसा भड़काने में लगे हुए हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कानून सम्मत तरीके से मामले का हल निकाला जा रहा है।
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में हाई अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में रेड अलर्ट है। विदेशी दूतावास के बाहर स्टाफ को नहीं निकलने की हिदायत दी गई है। पूरे देश में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। जबकि स्कूल कॉलेज 2 दिन के लिए पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। इमरान खान पर सरकारी खजाने का दुरुपयोग मामले में भी आरोप तय कर दिए गए हैं। अगर इस मामले में वह दोषी पाए जाते हैं तो वह पूरी उम्र चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। हालांकि इस बीच इमरान खान की गिरफ्तारी पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट की एक टिप्पणी भी आई। हाईकोर्ट का कहना था कि इमरान की गिरफ्तारी पूरी तरह से सही है लेकिन इसके लिए जो तरीका अपनाया गया वह बिल्कुल गलत है। इधर विश्व स्तर पर यह अटकलें और तेज हो गई है कि पाकिस्तान में सैनिक शासन की ओर बढ़ रहा है।