जनता के दिल में उतरने का माध्यम बना मन की बात कार्यक्रम
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी देश से सीधा संवाद कायम करने के लिए 3 अक्टूबर 2014 को रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम शुरू किया था। इस कार्यक्रम की सौंवी कड़ी 30 अप्रैल 2023 को प्रसारित होने जा रही है।
हाइलाइट
- जनता के दिल में उतरने का माध्यम बना मन की बात कार्यक्रम
आशुतोष मिश्र
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी देश से सीधा संवाद कायम करने के लिए 3 अक्टूबर 2014 को रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम शुरू किया था। इस कार्यक्रम की सौंवी कड़ी 30 अप्रैल 2023 को प्रसारित होने जा रही है। हर महीने प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम की सौ कड़ियां पूरी होना एक अनोखा रिकॉर्ड है। इससे यह प्रदर्शित होता है कि प्रधानमंत्री देश की जनता से सीधे जुड़ने के लिए कितना उत्साहित रहते हैं। इसकी वजह यह है कि 'मन की बात' में मुद्दे उठाने के लिए प्रधानमंत्री जनता से उनके सुझाव आमंत्रित करते हैं, कार्यक्रम में जितने भी सुझाव आते हैं उन्हें गंभीरता से देखते हैं, इससे उन्हें पता चलता है कि देश का क्या हाल है, किस प्रकार की समस्याएं हैं। देश की जनता सरकार के बारे में क्या सोचती है। जनता से मिले सुझावों में से बेहतरीन सुझावों का वह अपने कार्यक्रम में जिक्र करते हैं।
इस आधुनिक युग में जहां घटनाएं तेज़ी से बदलती हैं और हर कोई मीडिया या सोशल मीडिया के माध्यम से समाचारों से अवगत रहता है उसके बावजूद यदि लोग एकत्रित हो कर प्रधानमंत्री के 'मन की बात' कार्यक्रम को सुनने के लिए महीने के आखिरी रविवार का इंतजार करते हैं। यह दर्शाता है कि देश-दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय राजनेता होने के बावजूद मोदी ने इस कार्यक्रम को राजनीति से दूर रखा है। इस कार्यक्रम में वह देश की प्रगति, चुनौतियों की चर्चा करते ही हैं साथ ही आम भारतीयों की उपलब्धियों से भी देश को रूबरू करवाते हैं। इस कार्यक्रम की बदौलत रेडियो सुनने वालों की संख्या बढ़ी है। इस कार्यक्रम ने सामुदायिक बंधन को मज़बूत करने में भी मदद की है।
'मन की बात' को जनता कितना पसंद करती है इसका अंदाजा हाल के कुछ सर्वेक्षण से लग जाता है। आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 23 करोड़ लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को हर महीने रविवार को सुनते हैं, जिसमें 65 प्रतिशत श्रोता हिंदी में उनकी बात सुनना पसंद करते हैं। सर्वेक्षण में पाया गया कि 100 करोड़ से अधिक लोगों ने कम से कम एक बार कार्यक्रम को सुना है, जबकि लगभग 41 करोड़ जागरूक श्रोता थे। सर्वेक्षण में पाया गया कि मन की बात सुनने वाले लोगों में से 73 प्रतिशत ने सरकार के कामकाज और देश की प्रगति को पसंद किया। जबकि 58 प्रतिशत ने कहा कि उनके जीवनस्तर में सुधार हुआ है। 59 प्रतिशत लोगों ने इस कार्यक्रम की बदौलत सरकार में भरोसा बढ़ने की बात भी कही है।
‘मन की बात’ कार्यक्रम के सबसे लोकप्रिय विषय वैज्ञानिक उपलब्धियां, आम लोगो की कहानियां, सशस्त्र बलों की वीरता, युवाओं, पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन से जुड़े विषय रहे। इस कार्यक्रम का स्वरूप व्यापक है कि इसे 22 भारतीय भाषाओं के अलावा, फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली जैसी 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया जाता है। कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों द्वारा किया जाता है।
एक अध्ययन में पाया गया कि प्राकृतिक खेती, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, और कृषि प्रणाली को अपनाने की इच्छा इन कार्यक्रमों में किसानों का सबसे पसंदीदा विषय थे। इन कार्यक्रमों में छोटे किसानो द्वारा स्टार्टअप अपनाने की ललक अधिक देखी गई। किसानो ने जाना कि कैसे मोटे अनाजों कि उपज बढाने के उपाय किये जाय। इसके विभिन्न प्रकार के बीज के बारे में भी मन की बात कार्यक्रम में विस्तृत रूप से बताया गया।