फ्लाइट में धैर्य खो रहे पैसेंजर

आमतौर पर सड़कों पर भारतीय लोगों में धैर्य की कमी आने के नमूने देखने को मिलते हैं। परिणाम स्वरूप सड़क पर मामूली सी बात को लेकर कहासुनी से लेकर मारपीट तक की नौबत आ जाती है।

हाइलाइट

  • फ्लाइट में धैर्य खो रहे पैसेंजर

आशुतोष मिश्र

आमतौर पर सड़कों पर भारतीय लोगों में धैर्य की कमी आने के नमूने देखने को मिलते हैं। परिणाम स्वरूप सड़क पर मामूली सी बात को लेकर कहासुनी से लेकर मारपीट तक की नौबत आ जाती है। कुछ घटनाओं में मामला इतना बिगड़ जाता है कि एक-दूसरे की हत्या या हत्या करने की कोशिश भी कई मामलों में देखने को मिली हैं। धैर्य की कमी हमारी जीवन और दिनचर्या का हिस्सा बन गई है। लेकिन यही धैर्य की कमी अगर हजारों फीट ऊंचे आसमान में उड़ते हुए जहाज या एयरलाइंस में दिखने लगे तो यह सह-यात्रियों के साथ जहाज चलाने वाले स्टाफ के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। लेकिन ना चाहने के बावजूद ऐसी घटनाएं पिछले एक-दो महीने में काफी बार दोहराई गई। जिसकी वजह से भारतीय एयरलाइंस के साथ-साथ एयर इंडिया की भी किरकिरी हुई है।

ताजा घटनाक्रम सोमवार की है। इस घटना में एयर इंडिया की फ्लाइट मुसाफिरों को लेकर लंदन की ओर रवाना हुई। बीच में ही एक यात्री ने धैर्य खोते हुए 2 क्रू मेंबर के साथ मारपीट की। मामला चाहे जो भी हो लेकिन हजारों फीट की ऊंचाई में यात्रियों द्वारा किया गया अमर्यादित व्यवहार साथ चल रहे अन्य यात्रियों की जान जोखिम में डाल सकता है। हवाई जहाज में मारपीट या अभद्रता की यह पहली घटना नहीं है। अभी एक डेढ़ महीने पहले एक प्रतिष्ठित कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिका जाने वाली एक फ्लाइट में एक वृद्ध महिला पर मूत्र विसर्जित कर दिया था। यह घटना समाचारों एवं चैनलों में काफी दिन तक छाई रही। बताया गया था कि घटना के लिए जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी शराब के नशे में इतने ध्रुत थे, कि उन्हें इस बात का भी ध्यान नहीं रहा कि वह सीट पर ही यूरिन पास करने लगे। 

उदाहरण के लिए यह दो बड़ी घटनाएं हैं लेकिन पिछले कुछ महीनों में हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों द्वारा अमर्यादित व्यवहार करने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। कुछ दिन पहले बैंगलोर और इसी तरह भारत की एक और घरेलू उड़ान में यात्री द्वारा क्रू मेंबरों के साथ अमर्यादित व्यवहार की शिकायतें मिली थी। ऐसी घटनाओं से आम लोगों को सबक लेने की जरूरत है। हमें इस बात पर सोचने की जरूरत है कि आखिर वह कौन सी परिस्थिति है जिनके कारण ऐसी घटनाएं घट रही है। इसका सीधा जवाब है कि आम आदमियों में लगातार धैर्य की कमी हो रही है। इसकी वजह से वह अपना आपा जरा-जरा सी बात में खो दे रहा हैं। इसकी वजह से मामूली बातचीत में मामला बिगड़ जाता है और वही यात्री अमर्यादित व्यवहार करने से बाज नहीं आते। 

मजे की बात यह है कि अमर्यादित व्यवहार करने वाले यात्री यह नहीं सोचते कि हवाई जहाज में हजारों फीट की ऊंचाई पर किए गए उनके व्यवहार से कई तरह की दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इसमें वह अपने सह-यात्रियों की जान को जोखिम में डालने के साथ अपनी जान के लिए भी मुसीबत निमंत्रित करते हैं। लेकिन यह कॉमन सेंस ऐसे यात्रियों के दिमाग में क्यों नहीं आती। जब वह इस तरह का दुर्व्यवहार करते हैं। हालांकि यात्रियों के इस व्यवहार के लिए कानून पहले से ही बनाए गए हैं। लेकिन हमें इस बात पर सोचने की जरूरत है कि इस तरह की परिस्थिति ही उत्पन्न ना हो। इसके लिए केंद्र सरकार को नए नियम कानून बनाने की जरूरत है ताकि हजारों फीट की ऊंचाई पर अमर्यादित व्यवहार करने वाली यात्रियों को 100 बार सोचना पड़े। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि सरकार को नियम कानून बनाने के साथ-साथ यात्रियों के काउंसलिंग की भी जरूरत है। इसमें यात्रियों और क्रू मेंबर को एक साथ बैठा कर कुछ इस तरह के टिप्स दिए जाएं ताकि उनके बीच किसी भी तरह की गलतफहमी में पैदा न हो और बात-बात में स्थिति नियंत्रण से बाहर ना होने पाए। 

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10 April 2023, 01:55 PM IST

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