हाई सिक्योरिटी जेल की सुरक्षा पर सवाल
दिल्ली के तिहाड़ जेल को हाई सिक्योरिटी जेल माना जाता है। यहां पर देशभर के कई कुख्यात कैदियों को रखा गया है। जेल में सीसीटीवी कैमरे से लेकर हर तरह की अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था है।
हाइलाइट
- हाई सिक्योरिटी जेल की सुरक्षा पर सवाल
आशुतोष मिश्र
दिल्ली के तिहाड़ जेल को हाई सिक्योरिटी जेल माना जाता है। यहां पर देशभर के कई कुख्यात कैदियों को रखा गया है। जेल में सीसीटीवी कैमरे से लेकर हर तरह की अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था है। बावजूद इसके तीन दिन पहले जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में एक बदमाश की हत्या ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना 2 मई की है। गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया का मर्डर जेल में ही बंद तीन लोगों ने बड़ी बेरहमी से कर दिया। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज शुक्रवार को वायरल हुआ।
यह वीडियो लगभग सभी समाचार चैनलों में प्रमुखता से दिखाया गया। वीडियो इतना वीभत्स है कि सामान्य आदमी को इसे पूरी तरह देख पाना नामुमकिन है। इसीलिए सभी समाचार चैनलों ने इस वीडियो के जघन्य पार्ट को धुंधला कर दिया, ताकि यह तमाम संवेदनशील इंसानों के दिल में गहरी तरह से उतर न जाये। इस वीडियो की खास बात यह है कि इसमें 9 पुलिसकर्मी भी टिल्लू ताजपुरिया के मर्डर के समय सामने उपस्थित थे। इनमें से कुछ पुलिसकर्मियों ने कैदियों को रोकने की कोशिश की लेकिन बाद में वह पीछे हट गए।
तिहाड़ जेल के अफसरों ने आधिकारिक बयान में बताया कि यह हत्या जितेंद्र गोगी गैंग के योगेश कुंडा, दीपक, राजेश और रियाज खान ने की है। टिल्लू हाई सिक्योरिटी वार्ड में बंद था। उस पर लगभग 100 वॉर नुकीले हथियारों से किया गया. जिसके कारण उसकी दर्दनाक मौत हो गई। इस वीभत्स घटना से हाई सिक्योरिटी जेल की सुरक्षा पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि टिल्लू ताज़पुरिया हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था और उसके सेल तक बाकी आरोपी कैदी कैसे पहुंचे। जेल प्रशासन का कहना है कि कैदियों ने जेल की सलाखें काट कर उसके सेल तक पहुंचने का काम किया।
उल्लेखनीय है कि तिहाड़ जेल को देश के सबसे सुरक्षित जेलों में से एक माना जाता है। यहां पर कैदियों की निगरानी सीसीटीवी कैमरे के अलावा कई स्तरों पर की जाती है। यही कारण है कि देश के विभिन्न प्रांतों के टॉप बदमाश और शूटर यहां बंद किए जाते हैं। इन बदमाशों को अलग-अलग बैरक में सुरक्षा के बीच रखा जाता है ताकि आपसी विवाद या लड़ाई झगड़े की संभावना काम हो। इस हत्याकांड में 3 बदमाशों ने चादर के सहारे दो मंजिल नीचे आकर टिल्लू की हत्या जिस निर्मम तरीके से की है जेल की सुरक्षा में मुस्तैदी की कमी की ओर इशारा करते हैं। ऐसा नहीं है कि इस जेल में सिर्फ नामी-गिरामी बदमाश ही बंद है। वर्तमान में इस जेल में तमाम वीआईपी और जनप्रतिनिधि भी बंद है। ऐसे में अगर सुरक्षा व्यवस्था में इस तरह की चूक होती है तो उनकी जान-माल की रक्षा करना भी काफी मुश्किल होगा।
इसके लिए जेल प्रशासन को आत्ममंथन करने की जरूरत है अगर जेल प्रशासन जेल के अंदर कैदियों पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा है तो यह आने वाले भविष्य के लिए यह शुभ संकेत नहीं है। वर्तमान में दिल्ली सरकार के माननीय भी इसी जेल में बंद है। ऐसे में जेल प्रशासन को उनकी सुरक्षा चाक-चौबंद करनी पड़ेगी। ताकि वहां किसी भी तरह की अनहोनी घटना न घट सके। दिल्ली पुलिस को भी तिहाड़ जेल में बंद नामी बदमाशों पर विशेष नजर रखनी चाहिए। ताकि इनके करतूतों पर नियंत्रण रखा जा सके। यह पहली घटना नहीं है कि तिहाड़ में किसी बदमाश की हत्या कर दी गई हो। इसके पूर्व में भी आपसी गैंगवार में तिहाड़ जेल में कई बदमाश मारे गए हैं। बदमाशों के पास हथियार कहां से पहुंचते हैं इस पर भी नियंत्रण रखने की जरूरत है। जेल में कैदियों के पास किसी भी प्रकार का सामान रखने की इजाजत नहीं होती। ऐसे में बदमाशों ने अपने लिए नए तरीके से हथियार का इजाद कर रहे हैं। तत्काल मामले में बदमाशों ने सरिये को घिस कर नुकीला हथियार बना लिया। इसी हथियार से टिल्लू की बेरहमी से हत्या कर दी गई। ऐसे में बदमाशों से मिलने वाले लोगों पर भी जेल प्रशासन और पुलिस दोनों को विशेष नजर रखनी होगी, ताकि आने वाले समय में ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सके।