समाप्त नहीं हो रही अतीक के आतंक की कहानी
पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद की मौत के बाद भी उसके आतंक के किस्से मीडिया में लगातार चल रहे हैं। ताजा घटनाक्रम के अनुसार सोमवार को प्रयागराज में अतीक अहमद के दफ्तर में चाकू, खून के धब्बे, और महिला के कपड़े मिले हैं।
हाइलाइट
- समाप्त नहीं हो रही अतीक के आतंक की कहानी
आशुतोष मिश्र
पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद की मौत के बाद भी उसके आतंक के किस्से मीडिया में लगातार चल रहे हैं। ताजा घटनाक्रम के अनुसार सोमवार को प्रयागराज में अतीक अहमद के दफ्तर में चाकू, खून के धब्बे, और महिला के कपड़े मिले हैं। पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच करने में जुट गई है। उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल को देर रात माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में 3 शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस अभिरक्षा में हुई इस मौत के बाद मीडिया में लगातार अतीक और उसकी कहानियां चल रही है। तमाम मीडिया चैनलों पर अतीक के पुराने गुनाह के साथ-साथ उसके गुनाह करने के तरीकों पर भी तमाम तरह की कहानियां सुनाई जा रही हैं। चाहे वह अतीक द्वारा किया गया पहला मर्डर हो या फिर राजू पाल या उमेश पाल की हत्या। सभी मामले में अतीक और उसके गुर्गों को मीडिया में काफी जगह दी जा रही है।
इसके पूर्व अतीक और उसके भाई अशरफ की मौत के बाद भी सोशल मीडिया में उसके पक्ष एवं विपक्ष में लगातार कहानियां चल रही है। जिसमें तमाम तरह की प्रतिक्रिया लोगों के सामने आयी। किसी भी अपराधी को सजा देने के लिए भारतीय संविधान और यहां पर कानून बनाया गया है। कानून के दायरे में किसी भी बदमाश या माफिया को सजा अदालत देती रही है। लेकिन अतीक के मामले में पुलिस अभिरक्षा में उसकी मौत के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस पर भी कुछ लोगों ने प्रश्न उठाए। लेकिन एक पक्ष का सीधा मानना है कि इसमें पुलिस बल की कोई गलती नहीं है। हत्या करने वालों ने यह सोच रखा था कि चाहे जो भी हो अतीक और उसके भाई को जान से मारना ही है। ऐसे में पुलिस की लापरवाही उजागर नहीं होती है।
इन कहानियो के बीच सोमवार को अतीक अहमद के चकिया मोहल्ले में बनाए गए दफ्तर में ही मीडिया के चैनल पहुंचकर लगातार रिपोर्टिंग कर रहे थे। इसी दौरान तोड़े गए इस दफ्तर में खून के धब्बे मिले खून के धब्बों के अलावा यहां पर चाकू और महिला की साड़ी एवं अन्य वस्त्र भी मिले हैं। मौके पर पहुंची प्रयागराज पुलिस ने खून के धब्बों से नमूने जुटाने के लिए फॉरेंसिक टीम को बुलाया। इसके अलावा वहां मौजूद सभी तरह के सुबूत इकठा कर लिया गया।प्रयागराज पुलिस का कहना है कि इस मामले में हर एंगल से जांच की जा रही है। इस एंगल से भी जाँच की जा रही है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी को यहां पर ले जाकर मारा गया है। बहरहाल जो भी हो अतीक अहमद और उसके आतंक से जुड़े तमाम कारनामे लगातार खबरों में बने हुए हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस उमेश पाल हत्याकांड के अन्य आरोपियों की तलाश में भी जीजान से जुटी है। उमेश पाल हत्याकांड में कुल 9 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें अतीक के बेटे असद के साथ 4 लोगों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। जबकि अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ की 15 अप्रैल को शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इन घटनाओं की वजह से पूरे प्रयागराज में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है। यही नहीं अतीक अहमद के मोहल्ले के अलावा उसके समर्थकों पर उत्तर प्रदेश पुलिस बारीक नजर रखे हुए हैं। सरकार का मानना है कि जब तक इस हत्याकांड में शामिल सभी बदमाशों को पकड़ नहीं लिया जाता तब तक पुलिस का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। इसके लिए पुलिस के साथ एसटीएफ की भी टीम लगातार शूटरों की तलाश में लगी हुई है। इसके समानांतर पुलिस के समक्ष दूसरी चुनौती अतीक और अशरफ की हत्या का भी मामला आ गया। इस मामले में शामिल तीन शूटरों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिर वे कौन से कारण थे जिसकी वजह से अतीक और उसके छोटे भाई को मारा गया। यहां मीडिया को भी अपने विवेक और धर्म से काम लेना होगा। कई बार ऐसा होता है कि हम खबरों में कुछ और दिखाना चाहते हैं लेकिन जनमानस पर उसका असर अलग पड़ता है इससे बचने की जरूरत है।