CBSE ने छात्रों को दी राहत, 15 मार्च की परीक्षा मिस करने वालों को फिर से मिलेगा मौका
CBSE ने 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक राहत भरी घोषणा की है. जिन छात्रों को होली के कारण 15 मार्च को हिंदी की बोर्ड परीक्षा देने में कठिनाई होगी, उन्हें परीक्षा देने का दूसरा अवसर मिलेगा. बोर्ड ने पहले ही परीक्षा की तारीखें तय कर दी थी, लेकिन उसे जानकारी मिली कि कुछ क्षेत्रों में 14 मार्च को होली के बाद 15 मार्च को भी त्योहार का प्रभाव रह सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए CBSE ने यह निर्णय लिया है कि जो छात्र 15 मार्च को परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते, वे बाद में एक विशेष परीक्षा में भाग ले सकेंगे.

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए एक अच्छी खबर दी है. बोर्ड के मुताबिक, होली के कारण 15 मार्च को हिंदी परीक्षा में शामिल न हो पाने वाले छात्रों को बोर्ड दूसरा मौका देगा. इस फैसले से उन छात्रों को लाभ मिलेगा, जिनके क्षेत्रों में होली 15 मार्च को मनाई जाएगी या 14 मार्च का जश्न अगले दिन तक जारी रहेगा.
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा अपने तय समय पर होगी, लेकिन जिन छात्रों को त्योहार के चलते इसमें शामिल होने में कठिनाई होगी, वे बाद में परीक्षा दे सकते हैं. CBSE का यह फैसला छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
CBSE ने दिया छात्रों को राहत भरा विकल्प
CBSE ने गुरुवार को प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि 12वीं कक्षा के हिंदी कोर (302) और हिंदी ऐच्छिक (002) विषयों की परीक्षा 15 मार्च को आयोजित होगी. हालांकि, जिन छात्रों के लिए इस दिन परीक्षा देना मुश्किल होगा, वे विशेष परिस्थिति में बाद में परीक्षा देने का विकल्प चुन सकते हैं.
होली के कारण बदली परीक्षा की रणनीति
बोर्ड को जानकारी मिली है कि देश के कई हिस्सों में होली 14 मार्च को मनाई जाएगी, लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह 15 मार्च को भी जारी रह सकती है. इसी वजह से CBSE ने यह विशेष व्यवस्था की है.
कौन से छात्र उठा सकते हैं इस मौके का लाभ?
CBSE के नए नियमों के तहत 15 मार्च को परीक्षा में शामिल न होने वाले छात्रों को बाद में परीक्षा देने का अवसर मिलेगा. यह विशेष परीक्षा राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजनों में भाग लेने वाले छात्रों के लिए निर्धारित प्रक्रिया के तहत कराई जाएगी.
CBSE ने दोहराई छात्रों के हितों की प्रतिबद्धता
इस फैसले के जरिए CBSE ने एक बार फिर साबित किया है कि वह छात्रों की जरूरतों और विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखता है. इससे छात्रों को अपनी पढ़ाई की बेहतर योजना बनाने और त्योहारों को बिना तनाव के मनाने में मदद मिलेगी.