कुछ कहानियाँ ऐसी होती हैं जो अपने किरदार और घटनाक्रम के चलते लोगों के लिए मिसाल बन जाती हैं। ऐसी ही एक कहानी है राजस्थान बोर्ड की टॉपर लक्ष्मी की। लक्ष्मी के जीवन में जितना महत्वपूर्ण योगदान उसके भाई ने निभाया शायद एक पिता अपनी बेटी के लिए इतना न कर पाता। लक्ष्मी के सिर से पिता का साया 10 साल पहले उठ चुका था। लक्ष्मी चार बहने हैं जिनकी पढ़ाई को लेकर पूरा बोझ उनकी माँ पर आ गया। लक्ष्मी के बड़े भाई ने घर की परिस्थितियों को देखते हुए बारहवीं के बाद अपनी आगे की पढ़ाई छोड़ दी और परिवार की हालत संभालने के लिए मुंबई मजदूरी करने चले गए।
बहन ने किया भाई का नाम रोशन
जिस भाई ने अपनी बहन के लिए अपने जीवन के सबसे कीमती पल खपा दिये बहन। अच्छे से पढ़ लिख सके इसलिए उसने मजदूरी करना मुनासिब समझा। उस भाई की मेहनत तब रंग लाई जब बहन ने राजस्थान की बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में जिला टॉप किया। भाई ने जब अपनी छोटी बहन का बारहवीं का परिणाम देखा तो उसकी आँखों में खुशी के आंसू छलक गए।
लक्ष्मी ने सरकारी स्कूल में पढ़ कर लाए 96.60% अंक
जालोर के सरनाऊ लाछीवाड़ में रहने वाली लक्ष्मी ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई करते हुए कला वर्ग से 96.60% अंक प्राप्त किए। लक्ष्मी के पिता का नाम लाड़ूराम विश्नोई है जोकी 10 साल पहले ही इस दुनिया को छोड़ कर चले गए थे। जिन परिस्थितियों में रहकर लक्ष्मी ने जिला टॉप किया उसको देखते हुए सभी लोग उसे बधाई दे रहे हैं। बहन की इस सफलता ने अपने भाई का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है। First Updated : Friday, 02 June 2023