कांग्रेस के घोषणा पत्र के 3 वादे? जिसकी BJP ने मुस्लिम लीग से की तुलना
Congress Manifesto: पीएम मोदी ने भी बीते दिन अपनी एक चुनावी जनसभा के दौरान कहा था कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी वही छाप दिखाई पड़ती है, जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग के अंदर नजर आती थी.
Congress Manifesto: लोकसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है. इस दौरान सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. ऐसे में कांग्रेस की तरफ से बीते दिन शुक्रवार को आम चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी कर दिया गया है. इस घोषणा पत्र में 5 न्याय, 25 गारंटी और 300 से अधिक वादे शामिल है. कांग्रेस के इस मेनीफेस्टो के एलान के बाद सियासी बवाल देखने को मिल रहा है. बीजेपी इस मामले को लेकर कांग्रेस पर लगातार निशाना साधे हुए है.
प्राधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीते दिन अपनी एक चुनावी जनसभा के दौरान कहा था कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी वही छाप दिखाई पड़ती है, जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग के अंदर नजर आती थी. ऐसे अब भाजपा ने मुस्लिम के 1936 के घोषणा पत्र और कांग्रेस के 2024 के घोषणा पत्र की आपस में तुलना की है.
भाजपा ने ऐसे की घोषणा पत्र की तुलना
1. भाजपा के अनुसार, 1936 मुस्लिम लीग के मेनीफेस्टो में कहा था कि वह मुस्लिमों के लिए शरिया व्यक्तिगत कानूनों (पर्सनल लॉज) की रक्षा करेगी. वहीं 2024 में कांग्रेस ने भी अपने घोषणा पत्र में कहा है वह यह तय करेगी कि अल्पसंख्यकों के व्यक्तिगत कानून हों.
2. 1936 में मुस्लिम लीग ने कहा ता कि वो बहुसंख्यकवाद के खिलाफ लड़ेगी. 2024 में कांग्रेस ने कहा है कि भारत में बहुसंख्यकवाद के लिए कोई जगह नहीं है.
3. 1936 में मुस्लिम लीग ने कहा था कि हम मुस्लिमों के लिए स्पेशल स्कॉलरशिप और नौकरियों के लिए संघर्ष करेंगे. 2024 में कांग्रेस ने कहा है कि हम इंश्योर करेंगे कि मु्स्लिम छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप दी जाए.
कांग्रेस ने बीजेपी के सवालों का दिया जवाब
भाजपा की तरफ से कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर उठाए गए सवाल के बाद कांग्रेस का जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'मोदी-शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने आजादी के आंदोलन में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था.
उन्होंने आगे कहा कि मोदी-शाह के वैचारिक पूर्वजों ने 1942 में महात्मा गांधी के "भारत छोड़ो" आह्वान का भी विरोध किया था, जो मौलाना आज़ाद की अध्यक्षता में किया गया आंदोलन था. हर कोई जानता है कि कैसे प्रसाद मुखर्जी ने 1940 के दशक में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन करके बंगाल, सिंध और एनडब्ल्यूएफपी में अपनी सरकारें गठित की थी.