आखिर क्यों EC ने शिवसेना (UBT) के कैंपेन सॉन्ग से इन शब्दों को हटाने के लिए कहा

Loksabha Election 2024: चुनाव आयोग द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद पार्टी ने समीक्षा और निर्णय लेने की मांग की थी, लेकिन आयोग ने साफ कहा था कि शब्दों को हटाए बिना प्री-सर्टिफिकेशन नहीं हो सकेगा.

calender

Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए आज (26 अप्रैल) देश भर में मतदान कराए जा रहे हैं.  इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के कैंपेन सॉन्ग को लेकर विवाद देखने को मिल रहा है. चुनाव आयोग ने  पार्टी को अपने कैंपेन सॉन्ग से 'भवानी' और 'हिंदू' शब्द हटाने के लिए कहा है. साथ ही कहा कि यह शब्द निर्धारित चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के तहत फिट नहीं बैठते हैं.  ऐसे में अब शिवसेना को ये सॉन्ग फिर से प्री-सर्टिफिकेशन के लिए आयोग को भेजना होगा.

बता दें, कि चुनाव आयोग द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद पार्टी ने समीक्षा और निर्णय लेने की मांग की थी, लेकिन आयोग ने साफ कहा था कि शब्दों को हटाए बिना प्री-सर्टिफिकेशन नहीं हो सकेगा. 

आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर उठाया था मुद्दा 

इस हफ्ते की शुरुआत में, शिवसेना (यूबीटी)  नेता आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट कर यह मुद्दा उठाया था कि भारत के चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी द्वारा बनाए गए एक सॉन्ग पर आपत्ति जताई है,  जो धार्मिक परीक्षण के उपयोग के संबंध में है. मीडिया ने यह समझने के लिए चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की और यह जानने की कोशिश की कि आखिर ये पूरा मामला क्या है और आयोग की तरफ से इस गाने पर आपत्तियां क्यों उठाई गईं.

क्या कहते हैं चुनाव आयोग के नियम?

पिछले साल 24 अगस्त 2023 को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र के माध्यम से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, चुनाव कैंपेन के लिए उपयोग किए जाने वाले ऑडियो विजुअल और सॉन्ग को चुनाव आयोग के तहत एमसीएमसी (मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति) से प्री-सर्टिफिकेशन की आवश्यकता होती है और इसके लिए कुछ मापदंडों का उल्लेख किया गया है. जिसका पालन सभी पक्षों को करना अनिवार्य है. यानी प्री-सर्टिफिकेशन के बिना कोई पार्टी चुनाव में किसी भी ऑडियो विजुअल विज्ञापन का इस्तेमाल नहीं कर सकती.

मीडिया सर्टिफिकेशन और निगरानी समिति के लिए 24 अगस्त 2023 के ईसीआई पत्र के क्रम संख्या 2.5 में नियमों का उल्लेख किया गया है. इसमें कहा गया है कि राजनीतिक विज्ञापनों को प्रमाणित करते समय आदर्श आचार संहिता के तहत राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए उल्लिखित नियमों को ध्यान में रखना होगा. इसमें ये शर्तें रखी गई हैं-

1-पोस्टर, वीडियो, ग्राफिक्स, संगीत आदि या चुनाव प्रचार में मंदिर/मस्जिद/चर्च/गुरुद्वारा या किसी पूजा स्थल या धार्मिक पाठ/प्रतीकों/या नारे का उपयोग नहीं कर सकते.

2-रक्षा कर्मियों की तस्वीरें और रक्षा कर्मियों से जुड़े समारोहों की तस्वीरें इस्तेमाल नहीं कर सकते.

3-अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़े निजी जीवन के किसी भी पहलू की आलोचना नहीं की जाएगी.

4-असत्यापित आरोपों या विकृतियों के आधार पर अन्य पार्टियों या उनके कार्यकर्ताओं की कोई आलोचना नहीं.

इस वजह से  शिवसेना (यूबीटी) कैंपेन सॉन्ग पर जताई गई आपत्ति

शिवसेना (यूबीटी) के कैंपेन सॉन्ग पर आपत्ति जताए जाने के पीछे का कारण, पार्टी द्वारा बनाया गया गाना ऑडियो विजुअल में है. इसमें जय भवानी के धार्मिक नारे का उपयोग किया गया है, जिसके लिए प्री-सर्टिफिकेशन की आवश्यकता होती है. पार्टी द्वारा प्रमाणिकता के लिए जो आवेदन किया गया है, उसमें चुनाव आयोग ने शिवसेना यूबीटी के गाने में दो शब्दों के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है. First Updated : Friday, 26 April 2024