आकाश आनंद पर एक्शन के बाद क्यों याद आए जय प्रकाश और राहुल गांधी?

मायाववती ने अपने भतीजे आकाश आनंद पर बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें पद से हटा दिया है. बसपा सुप्रीमो के इस कदम के बाद जय प्रकाश और राहुल गांधी का एक पुराना मामला चर्चा में आ गया है. जानिए क्या है वो केस.

Tahir Kamran
Edited By: Tahir Kamran

Akash Anand: कई वर्षों की मेहनत के बाद मायावती ने पिछले दिनों अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी थी. उसके बाद से आकाश आनंद भी नए तेवर में नजर आए थे लेकिन वही तेवर उनके लिए मुसीबत बनकर खड़े हो गए. दरअसल मायावती ने 7 मई की शाम आकाश आनंद को उनके पदों से मुक्त कर दिया है. आकाश आनंद लोकसभा चुनाव में लगातार आक्रामक नजर आ रहे थे. उन्होंने 10 से ज्यादा रैलियां कीं और पेपर लीक, महंगाई, शिक्षा और बेरोजगारी मुद्दे उठाए. लेकिन सीतापुर रैली आकाश आनंद के लिए आखिरी साबित हो गई. 

आकाश पर क्यों हुए एक्शन?

सीतापुर में रैली को संबोधित करते हुए आकाश आनंद के तेवर ज्यादा तीखे हो गए. यहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को आतंकवादियों की पार्टी करार दिया है. साथ ही लोगों से जूता, चप्पल और लाठी जैसी चीजें तैयार रखने के लिए कहा कि अगर काम नहीं होता तैयार रखिए. इतना ही नहीं आकाश आनंद ने इस दौरान चुनाव आयोग को भी खरी-खोटी सुनाई थी. बस फिर क्या था उनकी इस तरह की बयानबाजी के बाद पार्टी ने उनकी आगे जो भी रैलियां शेड्यूल थीं वो कैंसिल कर दीं.

Akash
आकाश आनंद और मायावती

क्या बोले आकाश आनंद

उनकी इस रैली के कई दिनों बाद मायावती ने सख्त कदम उठाया और वर्षों की मेहनत की परवाह किए बगैर अपने भतीजे को पार्टी उत्तराधिकारी और कोऑर्डिनेटर के पद से आजाद कर दिया. खुद को निकाले जाने पर आकाश आनंद ने ट्वीट करते हुए कहा,"आदरणीय बहन मायावती जी, आप पूरे बहुजन समाज के लिए एक आदर्श हैं, करोड़ों देशवासी आपको पूजते हैं. आपके संघर्षों की वजह से ही आज हमारे समाज को एक ऐसी राजनैतिक ताक़त मिली है जिसके बूते बहुजन समाज आज सम्मान से जीना सीख पाया है. आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं. आपका आदेश सिर माथे पे. भीम मिशन और अपने समाज के लिए मैं अपनी अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा.जय भीम, जय भारत."

क्या बोले बसपा नेता

आकाश आनंद पर एक्शन के बाद कुछ बसपा नेताओं का कहना है कि मायावती किसी भी तरह की आपत्तिनजक टिप्पणियों से बचती हैं. वो अपने विरोधियों पर हमले करती हैं लेकिन एक सरल और सधी हुई भाषा में. यही वजह है कि वो खुद भी लिखा हुआ भाषण पढ़ती हैं. मायावती बिल्कुल नहीं चाहती हैं कि उनकी पार्टी के नेताओं पर आपत्तिजनक भाषण के चलते कोई मुसीबत आए. यही वजह है कि मायावती ने 2018 में पार्टी महासचिव जय प्रकाश और वीर सिंह के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की थी. 

Jai Prakash
जय प्रकाश

क्यों हुआ जय प्रकाश का जिक्र:

दरअसल साल 2018 में बहुजन समाज पार्टी के उपाध्यक्ष जय प्रकाश ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सख्त टिप्पणी कर दी थी. जिसके बाद उन्हें भी उनके पदों से आजाद कर दिया था. मायावती ने बाद में जय प्रकाश को अनुशानहीनता के आरोप में पार्टी से ही बाहर कर दिया था. पार्टी ने इस संबंध में एक मीटिंग की थी, जिसमें फैसला लिया गया कि राहुल गांधी को लेकर दिए गए जय प्रकाश के बयान को पार्टी सिद्धांतों के खिलाफ करार दिया था. यही कारण है कि आकाश आनंद पर लिए गए एक्शन की वजह से जय प्रकाश को भी याद किया जा रहा है. 

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09 May 2024, 02:58 PM IST

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