Akash Anand: कई वर्षों की मेहनत के बाद मायावती ने पिछले दिनों अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी थी. उसके बाद से आकाश आनंद भी नए तेवर में नजर आए थे लेकिन वही तेवर उनके लिए मुसीबत बनकर खड़े हो गए. दरअसल मायावती ने 7 मई की शाम आकाश आनंद को उनके पदों से मुक्त कर दिया है. आकाश आनंद लोकसभा चुनाव में लगातार आक्रामक नजर आ रहे थे. उन्होंने 10 से ज्यादा रैलियां कीं और पेपर लीक, महंगाई, शिक्षा और बेरोजगारी मुद्दे उठाए. लेकिन सीतापुर रैली आकाश आनंद के लिए आखिरी साबित हो गई.
सीतापुर में रैली को संबोधित करते हुए आकाश आनंद के तेवर ज्यादा तीखे हो गए. यहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को आतंकवादियों की पार्टी करार दिया है. साथ ही लोगों से जूता, चप्पल और लाठी जैसी चीजें तैयार रखने के लिए कहा कि अगर काम नहीं होता तैयार रखिए. इतना ही नहीं आकाश आनंद ने इस दौरान चुनाव आयोग को भी खरी-खोटी सुनाई थी. बस फिर क्या था उनकी इस तरह की बयानबाजी के बाद पार्टी ने उनकी आगे जो भी रैलियां शेड्यूल थीं वो कैंसिल कर दीं.
उनकी इस रैली के कई दिनों बाद मायावती ने सख्त कदम उठाया और वर्षों की मेहनत की परवाह किए बगैर अपने भतीजे को पार्टी उत्तराधिकारी और कोऑर्डिनेटर के पद से आजाद कर दिया. खुद को निकाले जाने पर आकाश आनंद ने ट्वीट करते हुए कहा,"आदरणीय बहन मायावती जी, आप पूरे बहुजन समाज के लिए एक आदर्श हैं, करोड़ों देशवासी आपको पूजते हैं. आपके संघर्षों की वजह से ही आज हमारे समाज को एक ऐसी राजनैतिक ताक़त मिली है जिसके बूते बहुजन समाज आज सम्मान से जीना सीख पाया है. आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं. आपका आदेश सिर माथे पे. भीम मिशन और अपने समाज के लिए मैं अपनी अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा.जय भीम, जय भारत."
आकाश आनंद पर एक्शन के बाद कुछ बसपा नेताओं का कहना है कि मायावती किसी भी तरह की आपत्तिनजक टिप्पणियों से बचती हैं. वो अपने विरोधियों पर हमले करती हैं लेकिन एक सरल और सधी हुई भाषा में. यही वजह है कि वो खुद भी लिखा हुआ भाषण पढ़ती हैं. मायावती बिल्कुल नहीं चाहती हैं कि उनकी पार्टी के नेताओं पर आपत्तिजनक भाषण के चलते कोई मुसीबत आए. यही वजह है कि मायावती ने 2018 में पार्टी महासचिव जय प्रकाश और वीर सिंह के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की थी.
दरअसल साल 2018 में बहुजन समाज पार्टी के उपाध्यक्ष जय प्रकाश ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सख्त टिप्पणी कर दी थी. जिसके बाद उन्हें भी उनके पदों से आजाद कर दिया था. मायावती ने बाद में जय प्रकाश को अनुशानहीनता के आरोप में पार्टी से ही बाहर कर दिया था. पार्टी ने इस संबंध में एक मीटिंग की थी, जिसमें फैसला लिया गया कि राहुल गांधी को लेकर दिए गए जय प्रकाश के बयान को पार्टी सिद्धांतों के खिलाफ करार दिया था. यही कारण है कि आकाश आनंद पर लिए गए एक्शन की वजह से जय प्रकाश को भी याद किया जा रहा है. First Updated : Thursday, 09 May 2024