Amit Shah fake video case: लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के फेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. पुलिस ने अब तक इस मामले में 20 नेताओं को नोटिस और 3 लोगों को हिरासत में लिया है. इसमें 30 अप्रैल को अहमदाबाद से कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी के पीए, आम आदमी पार्टी के एक कार्यकर्ता और 29 अप्रैल को असम से एक आरोपी गिरफ्तार किया गया था.
इस दौरान पुलिस ने वीरवार के लिए 3 नेताओं को नोटिस भेजा है. इसमें झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष, नागालैंड कांग्रेस अध्यक्ष और यूपी में समाजवादी पार्टी के नेता मनोज काका का नाम शामिल हैं. इन तीनों नेताओं को 2 मई को दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन्स कार्यालय में जांच में शामिल होने के लिए पेश होना है.
फेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से 28 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई थी. इस बीच नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि दिल्ली पुलिस से मंगलवार को नोटिस मिला है. समझ नहीं पा रहा हूं कि मुझे नोटिस क्यों दिया गया है. यह अराजकता के अलावा और कुछ नहीं है. अगर कोई शिकायत थी तो उन्हें पहले मेरे सोशल मीडिया अकाउंट्स को चेक करना चाहिए था.
ठाकुर ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अपने चरम पर है. मैं प्रचार में व्यस्त हूं. इस बात को समझना चाहिए. उन्होंने मेरा लैपटॉप व अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान मांगा है. चीजों को बिना जांच पड़ताल किए बिना समन जारी करना सही नहीं है. इस मामले में हम विधिक राय ले रहे हैं. बता दें कि इससे पहले दिल्ली पुलिस तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी समेत कुल 17 लोगों को नोटिस दे चुकी है.
इस दौरान इस मामलें में रेड्डी और कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के चार अन्य नेताओं को 1 मई को जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था. हालांकि, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी खुद नहीं पेश हुए. उनकी वकील दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ शाखा के समक्ष पेश हुईं और मुख्यमंत्री के पेश होने के लिए और समय मांगा.
बता दें, कि फेक वीडियो मामले में इन नेताओं को सीआरपीसी की धारा 160/91 के तहत समन भेजे गए हैं. इसमें प्रावधान है कि जिस व्यक्ति को नोटिस दिया जाता है वो खुद या वकील भेजकर जांच अधिकारी के सामने पेश हो. First Updated : Wednesday, 01 May 2024