BSP ने दिल्ली की सातों सीटों पर उतारे उम्मीदवार, पार्टी ने खेला सियासी दांव
oksabha Election 2024: दिल्ली में करीब 20 प्रतिशत SC मतदाता हैं. साथ ही यहां पर उत्तर प्रदेश के लोगबड़ी तादाद में निवास करते हैं. ऐसे में बसपा को इस बार के लोकसभा में खोई हुई साख वापस पाने का मौका है.
Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों के बीच हलचल तेज हो गई है. इस दौरान सभी दल जमकर चुनाव प्रचार में लग गए हैं. वहीं पार्टियों के बीच उम्मीदवारों को उतारने का भी सिलसिला तेजी से जारी है. ऐसे में मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी आम चुनाव के लिए दिल्ली की सातों सीट पर अपने उम्मीदवारों को उतार दिया है.
दिल्ली में इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के चुनावी मैदान में है, लेकिन दिल्ली कांग्रेस चीफ अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद पार्टी में सियासी हलचल देखी जा रही है. यही कारण है कि बीजेपी ने गठबंधन पर हमले और तेज कर दिए. वहीं इस बीच अब बहुजन समाज पार्टी को भी राष्ट्रीय राजधानी में सियासी फायदा उठाने की ताक में हैं. जिसके चलते उसमें दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
दिल्ली में करीब 20 प्रतिशत SC मतदाता हैं. साथ ही यहां पर उत्तर प्रदेश के लोगबड़ी तादाद में निवास करते हैं. ऐसे में बसपा को इस बार के लोकसभा में खोई हुई साख वापस पाने का मौका है. दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों के लिए मतदान एक ही दिन, छठे चरण में होगा. यहां 25 मई को वोटिंग होगी.
सीटों के एलान के बाद क्या बोले बसपा प्रदेश अध्यक्ष?
इस दौरान बसपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह के अनुसार, कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी ने हमें एक दूसरे के खिलाफ इस्तेमाल करते हुए 'बी' टीम बता दिया, लेकिन जब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन ही हो गया तो अब सब साफ है कि कौन किसके साथ है. आकाश आनंद और बहन जी आक्रोशित हैं. बसपा अपने दम पर चुनाव लड़ती हैं. ऐसे में अब सवाल उठता दिख रहा है कि बासप ने दिल्ली की सातों सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतार किस पार्टी को नुकसान पहुंचाने का काम किया है.? क्या इससे आप-कांग्रेस गठबंधन को नुकसान होगा या फिर बीजेपी को. हालांकि यह 4 जून को आने वाले चुनावों के नतीजों को देखकर साफ हो जाएगा.
BSP ने दिल्ली की सातों सीटों पर इन लोगों को दिया टिकट
बसपा ने आम चुनाव के लिए चांदनी चौक से एडवोकेट अब्दुल कलाम, साउथ दिल्ली से अब्दुल बासित जो कभी आरजेडी में हुआ करते थे. पूर्वी दिल्ली से ओबीसी समाज से एडवोकेट राजन पाल को उतारा गया है, जो पाल समाज से आते हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली से डॉक्टर अशोक कुमार हैं, जो एससी समुदाय से आते हैं. नई दिल्ली से एडवोकेट सत्यप्रकाश गौतम, उत्तर पश्चिमी दिल्ली से विजय बौद्ध तो पश्चिमी दिल्ली से विशाखा आनंद को चुनावी मैदान में उतारा है.
क्या है दिल्ली में बसपा की सियासी पकड़?
बता दें, कि बसपा दिल्ली नगर निगम की 250 और दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर चुनाव लड़ती रही है. 2008 में दिल्ली विधानसभा लड़ने पर बसपा के 2 विधायक भी जीते थे. हालांकि 2013 में पार्टी को झटका लगा और पार्टी को किसी भी सीट पर सफलता हासिल नहीं हुई. इसके बाद बसपा ने साल 2009, 2014 और 2019 में दिल्ली में लोकसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत अजमाई.
दावा है कि चुनाव लड़ने के बाद वोट प्रतिशत बढ़ा है. लेकिन चुनावी आकंड़ों पर गौर करें तो पार्टी का ग्राफ गिरता दिखाई दिया है. वजह, 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को 9% वोट मिले, 2014 में ये घटकर 6 प्रतिशत हो गए और 2019 में यह सिर्फ 1प्रतिशत रह गया.