9 विधानसभा सीटों पर आज उपचुनाव: योगी-अखिलेश की राजनीति का बड़ा इम्तिहान

Uttar Pradesh by-elections: उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम है. राज्य की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, जिसे 2027 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा है. इस चुनाव में सीएम योगी और अखिलेश के बीच साख की लड़ाई है.

calender

Uttar Pradesh by-elections: उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम है. राज्य की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, जिसे 2027 विधानसभा चुनाव का "सेमीफाइनल" कहा जा रहा है. यह उपचुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के बीच आर-पार की जंग बन चुका है. यह सिर्फ नौ सीटों का चुनाव नहीं है, बल्कि यह 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव के संकेत देगा कि राज्य की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ेगी.

योगी -अखिलेश के बीच साख की लड़ाई

योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के लिए यह चुनाव साख और प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने अपने-अपने गठबंधनों के साथ पूरी ताकत झोंक दी है. योगी आदित्यनाथ ने पिछले पांच दिनों में 15 रैलियां कीं, जबकि अखिलेश यादव ने 14 सभाओं में हिस्सा लिया. इसके अलावा, बीजेपी ने सरकार के 30 मंत्रियों की "टीम-30" को प्रचार में उतारा है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी सभी नौ सीटों पर रैलियां की हैं. समाजवादी पार्टी की ओर से अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव और चाचा शिवपाल यादव ने भी चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाई.

जातिगत फैक्टर्स का असर

टिकट वितरण में बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने जातिगत संतुलन बनाने की कोशिश की है. बीजेपी ने ओबीसी पर ज्यादा भरोसा जताते हुए 5 ओबीसी उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि एक दलित और तीन अगड़ी जाति के उम्मीदवार शामिल हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी ने 4 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि 3 ओबीसी, 2 दलित उम्मीदवारों को टिकट दिया है. इस चुनाव में ओबीसी जाति जनगणना और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को लेकर काफी चर्चा हो रही है.

उपचुनाव के नतीजे 2027 के चुनाव का ट्रेलर

इस उपचुनाव को अगले विधानसभा चुनाव की प्री-परीक्षा माना जा रहा है. अगर यह चुनाव अखिलेश यादव के पीडीए फार्मूले के लिए सफल साबित होता है, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी इसी रणनीति के साथ आगे बढ़ सकती है. दूसरी ओर, बीजेपी के लिए यह चुनाव "बंटेंगे तो कटेंगे" अभियान का परीक्षण भी है, जिसके आधार पर पार्टी ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में चुनावी रणनीति बनाई है.

सीटों पर मौजूदा स्थिति

इन 9 सीटों में से 4 सीटें वर्तमान में समाजवादी पार्टी के पास हैं और 5 सीटें एनडीए गठबंधन के पास हैं. बीजेपी को अपने प्रभाव को बरकरार रखना है, जबकि समाजवादी पार्टी का लक्ष्य इन सीटों पर बढ़त बनाना है.

दोनों दलों के स्टार प्रचारक मैदान में

इस चुनाव में योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव ने जमकर प्रचार किया है. बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए स्टार प्रचारकों की टीम को उतारा, जबकि समाजवादी पार्टी ने भी हर सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बड़े नेताओं को उतारा है. मैनपुरी की करहल सीट पर डिंपल यादव और कटेहरी में शिवपाल यादव ने मोर्चा संभाला. विशेषज्ञ मानते हैं कि इन चुनावों के नतीजे 2027 विधानसभा चुनावों की दिशा और दशा तय करेंगे. यह साफ है कि इन उपचुनावों के नतीजे आने वाले सालों में उत्तर प्रदेश की राजनीति का रुख बदल सकते हैं. First Updated : Wednesday, 20 November 2024