CBI Case against Megha Engineering: देश में लोकसभा चुनाव की सियासी सरगर्मियों के बीच सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस बीच जांच एजेंसी ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और उसके 8 अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया है. सीबीआई ने यह केस एनआईएसपी की 315 करोड़ रुपये की परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट, इस्पात मंत्रालय के आठ अधिकारियों के साथ-साथ मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ दर्ज किया है.
बता दें कि इस कंपनी की तरफ से राजनीतिक पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 1200 करोड़ रुपए का चंदा (डोनेशन) दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी के महीने में चुनावी चंदे के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड को अंसवैधानिक करार देते हुए एसबीआई से सभी देनदारों का डेटा चुनाव आयोग को सौंपने को कहा था और साथ ही चुनाव आयोग को इसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया. चुनाव आयोग की तरफ से जब डेटा अपलोड किया गया तो मेघा इंजीनियरिंग का नाम राजनीतिक दलों को सबसे अधिक चुनावी चंदा देने वाली कंपनियों की लिस्ट में शामिल था.
रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 2019 और 2023 के बीच 1,200 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. इसमें से उन्होंने मेघा इंजीनियरिंग के जरिए उन्होंने 966 करोड़ रुपये, तो वहीं अपनी उप कंपनीज वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, स्पेक पावर और ईवे ट्रांस प्राइवेट लिमिटेड के जरिए 266 करोड़ रुपए का चंदा दिया था.
मेघा इंजीनीयरिंग कंपनी के मालिक की बात करें तो देश के 54वें सबसे अमीर आदमी पीपी रेड्डी की है जिन्होंने 360 वन वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2023 के अनुसार पिछले एक साल में 24,700 करोड़ रुपए जोड़े हैं. किसान परिवार से आने वाले पीपी रेड्डी ने 33 साल पहले 2 कर्मचारियों के साथ 1989 में मेघा इंजीनियरिंग की नींव रखी और आज यह कंपनी इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है. First Updated : Saturday, 13 April 2024