Chirag Paswan: फिल्मों में फ्लॉप लेकिन राजनीति के सुपरस्टार, पढ़िए चिराग पासवान का मोदी 3.0 कैबिनेट में मंत्री तक सफर

Chirag Paswan: बिहार के LJP नेता चिराग पासवान मोदी 3.0 कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली है. लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पुश्तैनी सीट हाजीपुर से जीत का परचम लहराया. उन्होंने अपने राजद प्रतिद्वंद्वी को 1.7 लाख से अधिक वोटों से हराया.

JBT Desk
Edited By: JBT Desk

Chirag Paswan: बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रमुख चिराग पासवान ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली. उन्होंने लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट से शानदार जीत हासिल की है. चिराग पासवान ने 6.14 लाख वोटों के साथ शानदार जीत हासिल की और अपने निकटतम राजद प्रतिद्वंद्वी को 1.7 लाख से ज्यादा वोटों से हराया. यह चुनाव उनकी राजनीतिक सफर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जिसने बिहार और राष्ट्रीय मंच पर एक प्रमुख नेता के रूप में उभर कर सामने आया है.

हाजीपुर सीट चिराग पासवान का पुश्तैनी सीट है. इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके दिवंगत पिता और बिहार के सबसे बड़े दलित नेता राम विलास पासवान ने आठ बार किया था. इस चुनाव में चिराग पासवान के नेतृत्व में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बिहार में लड़ी गई सभी पांच लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की. राजनीति में आने से पहले पासवान फिल्मों में एक्टर थे लेकिन वहां कुछ कमाल नहीं कर पाए. तो चलिए जानते हैं कि, आखिर कैसे चिराग पासवान फ्लॉप हिरो सो राजनीति के सुपरस्टार बन गए.

राजनीति के सुपरस्टार
राजनीति के सुपरस्टार

फिल्मों में फ्लॉप लेकिन राजनीति के सुपरस्टार

चिराग पासवान का जन्म साल 1982 में राजधानी दिल्ली में हुआ था उनकी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में ही हुई है. पासवान इंजीनियरिंग करने के बाद फिल्मों में हाथ आजमाने के लिए मुंबई लेकिन वहां उन्हें असफलता मिली. उन्होंने कंगना रनौत के साथ भी एक फिल्म में काम किया है.  2010 से 2011 तक चिराग पासवान हिन्दी सिनेमा में भी अभिनेता के तौर पर काम किए. उन्होंने  मिले ना मिले हम (2011), वन एंड ओनली (2011) फिल्मों में काम किया लेकिन दर्शकों ने कुछ खास पसंद नहीं किया. फिल्मों में फ्लॉप होने के बाद वो सियासी पारी में कदम रखें.

राजनीति के सुपरस्टार
मिले न मिले हम फिल्म 

पिता के मृत्यू के बाद चाचा से हुआ विवाद

साल 2020 में चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान का निधन हो गया. इसके तुरंत बाद उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ चल रहे विवाद के कारण पासवान से अलग हो गए. यह विवाद तब और बढ़ गया जब पशुपति ने चिराग पासवान की जगह खुद को लोकसभा नेता के रूप में घोषित किया. इसके बाद चिराग पासवान ने अपने चाचा सहित 5 बागी सांसदों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया. इसके बाद उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत को संभाला और पहले ही चुनाव में जीत का परचम लहराया.

राजनीति में चिराग पासवान का शानदार डेब्यू

चिराग कुमार पासवान 5 नवंबर 2019 से 15 जून 2021 तक अपने पिता श्री की पार्टी लोजपा के अध्यक्ष थे. अपने पिता राम विलास पासवान के मार्गदर्शन पर चलकर चिराग ने राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई. चिराग पासवान ने 2014 लोकसभा चुनाव में बिहार राज्य की जमुई लोक सभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार सुधांशु शेखर भास्कर को करीब 85,000 मतों से हराया. पासवान ने 2019 के लोक सभा चुनावों में इसी सीट से भूडियो चौधरी को हराया और दूसरी बार लोक सभा के सांसद बने.

चिराग पासवान
चिराग पासवान

चिराग पासवान को मिली पहचान

पासवान ने एक व्यापक सार्वजनिक पहुंच अभियान, "आशीर्वाद यात्रा" भी शुरू की, जिसे पूरे बिहार में बड़े पैमाने पर समर्थन मिला. चिराग के बढ़ते प्रभाव को पहचानते हुए, भाजपा ने 2023 में उनका एनडीए में वापस स्वागत किया. 27 फरवरी 2021 को, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 1.11 लाख रुपए का दान दिए. उस दौरान उन्होंने कहा कि हर गरीब तबके के इंसान को इस मंदिर के निर्माण में सहयोग देना चाहिए. बता दें कि, वर्तमान में चिराग कुमार पासवान मोदी 3.0 कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री है

calender
10 June 2024, 08:03 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो