BJP के लिए नासूर बनी अयोध्या बाबरी गिरने से लेकर अब तक कब-कब हुआ नुकसान

अयोध्या से भाजपा के उम्मीदवार को शिकस्त मिलना बड़ी बात है, क्योंकि जिस मुद्दे को भाजपा ने पूरे देश में भुनाना चाहा वो मुद्दे उसी शहर में असफल हो गया और भाजपा के लिए यह सीट चिराग तले अंधेरा वाली बात हो गई है.

calender

Ayodhya: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया है. राम मंदिर का उद्घाटन के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी को इसको भारी फायदा पहुंचेगा लेकिन नतीजों में ऐसा कुछ भी होता दिखाई नहीं दिया है. 2019 में यूपी की 80 सीटों में से 62 पर जीत हासिल करने वाली भाजपा को इस बार सिर्फ 33 सीटों पर ही जीत मिली है. इसमें सबसे अहम सीट फैज़ाबाद है, जिसे अयोध्या के नाम भी जाना जाता है. जिस जगह पर राम मंदिर का निर्माण हुआ है वहां से भाजपा का हार जाना पार्टी के लिए काफी शर्मिंदगी है. 

यह पहली बार नहीं है जब भारतीय जनता पार्टी को इस सीट से 'धोखा' मिला है. इससे पहले कई अहम घटनाओं के मौके पर भाजपा को यहां से हार का सामना करना पड़ा है. 1992 में बाबरी विध्वंस के समय भी भाजपा को यहां से नुकसान उठाना पड़ा है. इसके अलावा राम मंदिर का शिलान्यास के बाद होने वाले चुनावों में भी भाजपा को यहां से काफी नुकसान उठा पड़ा है. तो चलिए जानते हैं कि आखिर कब-कब यहां के लोगों में भाजपा के प्रति प्यार की कमी दिखाई दी है.

1992: बाबरी विध्वंस:
बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद भी भाजपा को यहां से नुकसान उठाना पड़ा है. अगले साल यानी 1993 में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को अयोध्या के अलावा फैज़ाबाद की सभी 4 सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था. इस साल राज्य में मुलायम सिंह यादव की सरकार सत्ता में आई थी.

2020 राम मंदिर शिलान्यास:
9 नवंबर 2019 को राम मंदिर और बाबरी विध्वंस पर फैसला आने के बाद 5 अगस्त 2020 को भूमिपूजन का कार्यक्रम हुआ था. इसके बाद साल 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए और फिर से भाजपा के प्रति यहां के लोगों में नाराजगी देखी गई. क्योंकि भाजपा चुनाव से पहले अयोध्या की पांचों सीटों पर भाजपा काबिज थी लेकिन 2022 के नतीजे आने के बाद भाजपा की 2 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. 

अयोध्या नगर निगम:
इतना ही नहीं मई 2023 में अयोध्या नगर निगम चुनाव में भी भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा. दरअसल यहां से भाजपा को बहुमत को गंवानी पड़ गई. यहां तक कि जिस वार्ड में मेयर रहता था उस वार्ड से भी भाजपा उम्मीदवार की हार हुई और निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की. 

First Updated : Wednesday, 05 June 2024