UP में INDIA गठबंधन की हो गई बल्ले-बल्ले, बिहार में क्यों पीछे रह गए तेजस्वी-लालू

तेजस्वी यादव ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान बिहार में 251 सभाएं की, मगर उनका जादू नहीं चला. तेजस्वी यादव पूरे चुनाव में कहते रहे कि उनकी पार्टी माई-बाप की है, लेकिन जनता ने एक बार फिर नीतीश और मोदी पर ही भरोसा जताया.

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लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आ चुके है. जिसमें  बीजेपी 303 सीटों से घटकर 240 सीट पर आ गई है तो कांग्रेस 52 से बढ़कर 99 सीटों पर पहुंच गई है. वहीं, इंडिया गठबंधन को कुल 234 सीटें मिली है. उत्तर प्रदेश में एनडीए को 36 सीटें मिली हैं. जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन ने 43 लोकसभा सीटें जीती. इंडिया  गठबंधन को सबसे ज्यादा फायदा यूपी से ही हुआ है. यहां सपा ने अकेले 37 सीटें जीती हैं. वहीं, बिहार में इंडिया का प्रदर्शन काफी अच्छा नहीं रहा. ऐसे में सवाल उठता हैं कि आखिर क्यों बिहार में तेजस्वी-लालू फ्लॉप हो गए. 

बिहार में कुल 40 सीटें है  इस बार बिहार में एनडीए 30 सीटें जीतने में सफल रही है, जिसमें बीजेपी-जेडीयू 12-12 सीटें, एलजेपी (आर) 5 और एक सीट जीतन राम मांझी को मिली है. आरजेडी 4, कांग्रेस 3, लेफ्ट पार्टी को 2 सीटें मिली हैं और एक सीट पर निर्दलीय पप्पू यादव जीते हैं. बिहार में इंडिया गठबंधन ने एनडीए को 9 सीटों का झटका दिया जबकि यूपी में सपा-कांग्रेस ने 28 सीटें कम कर दी हैं, जिसके चलते ही बीजेपी बहुमत से दूर हो गई.

तेजस्वी का नहीं चला जादू

तेजस्वी यादव ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान बिहार में 251 सभाएं की, मगर उनका जादू नहीं चला. तेजस्वी यादव पूरे चुनाव में कहते रहे कि उनकी पार्टी माई-बाप की है, लेकिन जनता ने एक बार फिर नीतीश और मोदी पर ही भरोसा जताया. बिहार में इंडिया गठबंधन का हिस्सा आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियां और वीआईपी पार्टी रही. आरजेडी अपने कोटे की 23 सीटों में से सवर्ण 2, ओबीसी 13, अति पिछड़ा वर्ग के दो, दलित समुदाय के 4 और दो मुस्लिम प्रत्याशी दिए थे. आरजेडी के दो यादव और एक कुशवाहा जीतने में सफल रहे और एक ठाकुर लोकसभा के सांसद चुने गए हैं. यादव समुदाय के 7 उम्मीदवार आरजेडी ने उतारे थे, जिनमें दो लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती और रोहिणी आचार्य थी. 2024 में लालू प्रसाद के कुशवाहा कार्ड की खूब चर्चा रही, लेकिन 6 यादव उम्मीदवार के उतरना मंहगा पड़ गया. एनडीए ने सात सीटों पर कुशवाहा और एक पर कुर्मी जाति के नेता को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था, जिनमें से एक कुशवाहा और दो यादव जीता.

तेजस्वी कांग्रेस के साथ बैलेंस नहीं बना सके

तेजस्वी यादव ने अकेले अपने दम पर एनडीए की नाक में नकेल कर दी, लेकिन कांग्रेस के साथ बैलेंस नहीं बना सके. पप्पू यादव की पुर्णिया सीट आरजेडी ने अपने पास ले ली ताकि वो चुनाव न लड़ सके. पप्पू यादव निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए तो तेजस्वी यादव और आरजेडी नेताओं ने पूर्णिया में डेरा जमा दिया था ताकि पप्पू जीत न सके. इसके बाद भी पप्पू यादव जीतने में सफल रहे. इतना ही नहीं कांग्रेस कोटे के उम्मीदवारों के नाम भी तय करने का काम लालू प्रसाद यादव ने किया. कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार को बिहार से चुनाव लड़ने नहीं दिया तो दिल्ली से उन्होंने किस्मत आजमाया.

First Updated : Friday, 07 June 2024