Gourav Vallabh: वित्त और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर टीवी बहस में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने गुरुवार को पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र लिखा जिसमें उन्होंने जाति जनगणना जैसे कारणों का हवाला दिया और कहा कि वह 'सनातन विरोधी' नारे नहीं लगा सकते.
कांग्रेस के सीनियर नेता और प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने चुनाव से कुछ ही दिन पहले पार्टी के सभी पदों से इस्तीपा दे दिया है. उन्होंने इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के हेंडल एक्स पर दी, जहां पर उन्होंने इस्तीफा देने की वजह का भी खुलासा किया. उन्होंने लिखा कि ''मैं सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता हूं. इसलिए वह कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ सभी पदों से इस्तीफा देता हूं.''
गौरव वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र भी लिख, जिसमें उन्होंने लिखा कि ''भावुक हूं. मन परेशान है. बहुत कुछ कहना भी चाहता हूं, लिखना चाहता हूं, बताना चाहता हूं. लेकिन मेरे संस्कार ऐसा करने की इजाजत नहीं देते, जिससे दूसरों को दुख हो. उन्होंने आगे लिखा कि ''फिर भी मैं आज अपनी बातों को आपके सामने रख रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि सच को छुपाना भी जुर्म है, और मैं जुर्म का भागीदार नहीं बनना चाहता.'
चुनाव से पहले नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना कोई नई बात नहीं है. चुनाव से पहले गौरव वल्लभ का इस्तीफा भी इसी ओर इशारा करता है, क्योंकि उन्होंने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र किया. गौरव वल्लभ ने कहा कि ''अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से मैं दुखी हूं, मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं. उन्होंने आगे कहा कि ''पार्टी के इस स्टैंड ने मुझे हमेशा असहज किया, परेशान किया. पार्टी और गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के बारे गलत बोलते हैं, और पार्टी का उसपर चुप रहना भी उसे पार्टी की स्वीकृति ही माना जाएगा. First Updated : Thursday, 04 April 2024