अमेठी में स्मृति ईरानी को टक्कर देने कांग्रेस ने उतारा उम्मीदवार, जानिए कौन हैं किशोरी लाल शर्मा?
Lok Sabha Election 2024: काफी समय से रायबरेसी और अमेठी की सीट को लेकर कांग्रेस ने सस्पेंस बना के रखा था. अब इस दोनों सीटों पर सस्पेंस खत्म हो गया है.
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए राहुल गांधी को रायबरेली से और किशोरी लाल शर्मा को अमेठी से मैदान में उतारा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली से अपना लोकसभा चुनाव नामांकन दाखिल करेंगे. वहीं, गांधी परिवार के वफादार किशोरी लाल शर्मा अमेठी से चुनाव लड़ने वाले हैं. दोनों निर्वाचन क्षेत्रों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 3 मई, शुक्रवार है.
दोनों ही सीटें कांग्रेस की गढ़
दोनों सीटों पर 20 मई को वोटिंग होगी, दोनों सीटें गांधी परिवार का गढ़ हुआ करती थीं. इस साल की शुरुआत में राज्यसभा सदस्य बनने के बाद सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट छोड़ दी थी. राहुल गांधी पहले से ही केरल के वायनाड जिले से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. केरल के वायनाड से मौजूदा सांसद राहुल गांधी का सामना भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से है.
कौन हैं किशोरी लाल शर्मा?
कांग्रेस ने अमेठी लोकसभा सीट के लिए भी अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. कांग्रेस ने केएल शर्मा को अमेठी से अपना उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी ने यहां से मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी को काफी पहले ही उम्मीदवार घोषित कर दिया था. केएल शर्मा की बात करें तो वो गांधी परिवार के काफी करीबी माने जाते हैं. उनका रिश्ता सिर्फ अमेठी से ही नहीं बल्कि रायबरेली से भी है.
कांग्रेस से कैसे जुड़े किशोरी लाल शर्मा?
केएल शर्मा का पूरा नाम किशोरी लाल शर्मा है. वह मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं, उन्होंने 1983 में राजीव गांधी के साथ रायबरेली और अमेठी में कदम रखा था. राजीव गांधी की मौत के बाद गांधी परिवार से उनके रिश्ते पारिवारिक हो गए. इसके बाद वह गांधी परिवार के ही हो कर रह गए. 1991 में राजीव गांधी की मौत के बाद कभी शीला कौल के काम को देखते तो कभी सतीश शर्मा के कामों को देखने रायबरेली और अमेठी आते जाते रहते थे.
कांग्रेस ने दी थी बड़ी जिम्मेदारी
राजनीति में जब सोनिया गांधी पहली बार अमेठी गईं तो केएल शर्मा भी उनके साथ अमेठी आए थे. जब सोनिया गांधी ने राहुल गांधी के लिए अमेठी सीट छोड़ दी और खुद रायबरेली आ गईं. इसके बाद केएल शर्मा ने रायबरेली और अमेठी दोनों सीटों की जिम्मेदारी ली.
पार्टी के लिए रहे वफादार
इसके बाद से ही केएल शर्मा ने रायबरेली और अमेठी दोनों सीटों पर काम देखना शुरू कर दिया. जब लोग कांग्रेस का साथ छोड़ने लगे तब केएल शर्मा की निष्ठा में कोई कमी नहीं आई. केएल शर्मा कभी बिहार के प्रभारी रहे तो कभी पंजाब कमेटी के सदस्य भी बने. जब वे एआईसीसी के सदस्य थे, तो चुनाव की बागडोर कभी-कभी उनकी ही होती थी.