Lok Sabha Election 2024: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणापत्र को लेकर आलोचना की और आरोप लगाया कि यह भारत की तुलना में पाकिस्तान में चुनाव के लिए अधिक उपयुक्त है. उन्होंने दावा किया कि घोषणापत्र का उद्देश्य सत्ता में आने के लिए समाज को विभाजित करना है.
शुक्रवार को कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया और चुनावी दस्तावेज पांच 'न्याय के स्तंभों' और उनके तहत 25 गारंटियों पर केंद्रित था. पार्टी द्वारा किए गए कुछ वादे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी, राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना और अग्निपथ योजना को खत्म करना थे. इसके जवाब में सरमा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का घोषणापत्र 'तुष्टिकरण की राजनीति' है.
उन्होंने जोरहाट निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली के मौके पर कहा, "यह तुष्टिकरण की राजनीति है और हम इसकी निंदा करते हैं. घोषणापत्र ऐसा लगता है जैसे यह भारत में नहीं बल्कि पाकिस्तान के चुनाव के लिए है." असम के मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम, तीन तलाक कोई नहीं चाहता या बहुविवाह या बाल विवाह का समर्थन नहीं करता.'' उन्होंने दावा किया, ''कांग्रेस की मानसिकता समाज को बांटना और सत्ता में आना है.''
यह विश्वास जताते हुए कि भाजपा राज्य की सभी 14 लोकसभा सीटें जीतेगी, सरमा ने कहा कि भाजपा ने एक 'आंदोलन' (आंदोलन) का रूप ले लिया है, जिसका अर्थ है देश को 'विश्व गुरु' (विश्व नेता) बनाना.
दूसरी ओर, कांग्रेस ने सरमा पर पलटवार करते हुए कहा कि ''उनके जैसा दलबदलू व्यक्ति सबसे पुरानी पार्टी के धर्मनिरपेक्ष और समावेशी लोकाचार को नहीं समझ पाएगा. सरमा 2015 में बीजेपी में शामिल हुए थे.
कांग्रेस के प्रवक्ता बेदब्रत बोरा ने कहा कि "सरमा कई सालों तक कांग्रेस में रहे, लेकिन वह पार्टी के मुख्य लोकाचार को समझ नहीं पाए, इसलिए वह भाजपा में चले गए. पिछले कुछ समय से भाजपा में रहने के बाद भी, वह अभी भी कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश करते हैं. बोरा ने सरमा द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि पार्टी के घोषणापत्र का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करना है. First Updated : Sunday, 07 April 2024