दिल्ली के चांदनी चौक पर प्रवीण खंडेलवाल की चांदी, जानें सीट का इतिहास
Chandni Chowk: लोकसभा चुनाव 2024 की नतीजे आ चुके हैं वहीं अब तक NDA बहुमत से सरकार बनाती हुई नजर आ रही है. इस बीच भाजपा ने दिल्ली की सातों सीट पर जीत दर्ज की है.
Chandni Chowk: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं वहीं अब तक NDA बहुमत से सरकार बनाती हुई नजर आ रही है. इस बीच भाजपा ने दिल्ली की सातों सीट पर जीत दर्ज की है. तो वहीं दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा सीट की बात करें तो प्रवीण खंडेलवाल ने जीत हासिल कर ली है. चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल 516496 वोट मिले है तो वहीं जयप्रकाश अग्रवाल 427171 वोट मिले है. प्रवीण खंडेलवाल ने 89325 वोटों से हरा दिया है.
क्या है स्थानीय मुद्दे
चांदनी चौक के चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय मुद्दे अधिक हावी नजर आए है. बिजली और पानी के साथ की तारों के जंजाल का मुद्दा छाया रहा. इस बार के चुनाव में कारोबारियों की परेशानियों से लकर पार्किंग और साफ सफाई तक मुद्दे बने रहे.
जातीय समीकरण
राजनीतिक पार्टियों का आकलन है कि चांदनी चौक सीट पर करीब 17 फीसदी वैश्व मतदाता है. जबकि 14 फीसदी मुस्लिम समुदाय के है. जो मटिया महल और बल्लीमारान क्षेत्रों में हैं. इसके साथ ही इस सीट पर 14 प्रतिशत पंजाबी और लगभग 16 प्रतिशत अनुसूचित जाति वर्ग के वोटर्स हैं. ये सीट 2014 से लगातार दो बार बीजेपी के खाते में रही है, यहां से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन चुनाव जीते थे.
2019 में कौन जीता था चुनाव
दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा सीट से साल 2019 में भाजपा नेता डॉ. हर्षवर्धन ने जीत हासिल की थी. कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल दूसरे स्थान पर रहे. जिन्हें 290910 वोट मिले थे. हर्षवर्धन को 519055 वोट मिले थे और उन्होंने 228145 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.
सीट का इतिहास
चांदनी चौक 1956 में पहली बार लोकसभा सीट बनी इसके बाद 1957 में चुनाव हुए कांग्रेस के राधा रमन ने जीत हासिल की. इसके बाद 1962 में हुए चुनावों में भी जनता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया और कांग्रेस प्रत्याशी को भारी जनसमर्थन दिया. 1967 में पहली बार भारतीय जनसंघ की इस सीट से खाता खोला. 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार आम आदमी पार्टी की इस सीट से लोकसभा चुनाव में एंट्री हुई. लेकिन, आप प्रत्याशी बीजेपी के डॉ. हर्षवर्धन से हार गए. कांग्रेस प्रत्याशी कपिल सिब्बल तीसरे नंबर पर रहे. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी यहां की जनता ने डॉ. हर्षवर्धन पर भरोसा जताया वहीं साल 2024 में भाजपा ने प्रवीण खंडेलवाल को मौका दिया है.