Nayak: 'बाप - दादा' की विरासत को आम चुनाव में कितना बचा पाएंगे जंयत चौधरी

Nayak: जंयत चौधरी के बारे में एक स्पेशल सीरीज पेश करने जा रहे हैं. जिसमें जयंत चौधरी की कहानी है आखिर किस प्रकार लंदन से पढ़ा लिखा शख्स अब आरएलडी के अध्यक्ष के रुप में संभाल रहे विरासत...

Sagar Dwivedi
Edited By: Sagar Dwivedi

Nayak: साल 2024 के लोकसभा चुनाव को होने में अब 20 दिनों से कम समय बचा हुआ है. जिसको देखते हुए 31 मार्च से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मेरठ में चुनावी बिगुल फूंक दिया है. इस दौरान देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह काफी सुर्खियों में रहे. चौधरी चरण सिंह को देश के पांचवें प्राधनमंत्री के रुप में गिना जाता है. इस आर्टिकल में आज हम उनके पोते जंयत चौधरी के बारे में एक स्पेशल सीरीज पेश करने जा रहे हैं. जिसमें जयंत चौधरी की कहानी है आखिर किस प्रकार लंदन से पढ़ा लिखा शख्स अब आरएलडी के अध्यक्ष के रुप में संभाल रहे विरासत..

लंदन से पढ़ाई-किसानों की लड़ाई... जयंत

जयंत चौधरी का जन्म 27 दिसंबर 1978 को अमेरिका के टेक्सास में हुआ था. जंयत जाट समुदाय से आते है.  एक भारतीय राजनीतिज्ञ और 2022 से उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य हैं. इससे पहले, उन्होंने मथुरा से 15वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में भी कार्य किया था. वह राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. जयंत चौधरी की पढ़ाई की बात करे तो उन्होंने  दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और, 2002 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से अकाउंटिंग और फाइनेंस में मास्टर डिग्री ली.

जयंत चौधरी की पहचान

पहचान जयंत चौधरी के नाम से बनी हुई है लेकिन वो अपने नाम का उल्लेख ट्विटर बायो और राजनीतिक पोस्टरों में चौधरी जयंत सिंह के तौर पर करते हैं. एक तरह से इसे चौधरी चरण सिंह और चौधरी अजीत सिंह की विरासत की फ़ेहरिस्त में ख़ुद को दिखाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है.

मथुरा से लड़ा पहला चुनाव

वहीं पश्चिमी यूपी की जाट समुदाय जनता  चौधरी चरण सिंह को किसानों के मसीहा के तौर पर याद करती है और इस बात को जयंत चौधरी अपनी हर रैली में बार-बार जनता को याद भी दिलाते हैं. चौधरी चरण सिंह का पोता होना उनको कोई ख़ास वोट ज़रूर दिलाए या न दिलाए लेकिन ये जनता से उनका एक कनेक्शन जोड़ता है. जंयत चौधरी अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत मथुरा से सांसद के तौर पर की थी. वह भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर प्रमुख प्रस्तावकों  में से एक थे.

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31 March 2024, 08:13 PM IST

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