खड़गे का मोदी को लेटर, झूठ हजार बार बोलने से सच नहीं हो जाता, पढ़ें पत्र
Lok sabha Election 2024: देशभर में दो चरणों का चुनाव पूरा हो चुका है वहीं तीसरे दौर के बीच प्रचार प्रसार का सिलसिला तेजी से जारी है.
Lok sabha Election 2024: देशभर में दो चरणों का चुनाव पूरा हो चुका है वहीं तीसरे दौर के बीच प्रचार प्रसार का सिलसिला तेजी से जारी है. भाजपा उम्मीदवारों को पत्र लिखने के एक दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को फिर पीएम मोदी को पत्र लिखा है. अपने पत्र में उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों को लिखे उनके पत्र की भाषा “प्रधानमंत्री के पद के अनुरूप नहीं है”. अपने व्यक्तिगत पत्र में पीएम मोदी ने भाजपा उम्मीदवारों से एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को “छीनने” और उनके वोट बैंक इसे देने के कांग्रेस और उसके सहयोगियों के “विभाजनकारी” और “भेदभावपूर्ण” इरादे के बारे में मतदाताओं से बात करने को कहा था.
खड़ने लिखा कि कि पत्र के कंटेट और लहज़े से ऐसा लगता है कि आप बहुत ही ज़्यादा हताश और निराश हो गए हैं. यही कारण है कि आप ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं जो प्रधानमंत्री पद की गरिमा के बिलकुल विपरीत है. पत्र से ऐसा लग रहा है कि आप अपने भाषणों में जो झूठ बोल रहे हैं उसका उस तरह से प्रभाव पड़ता हुआ आपको नहीं दिख रहा है जैसा आप चाहते थ.यही कारण है कि अब आप चाहते हैं कि आपके उम्मीदवार भी आपकी झूठी बातों को आगे बढ़ाएं. एक झूठ को हज़ार बार बोलने से वह सच नहीं बन जाता है प्रधानमंत्री जी. आगे उन्होंने लिखा कि मतदाता इतने समझदार हैं कि कांग्रेस ने घोषणापत्र में क्या लिखा है और हमने क्या गारंटी दी है, वे खुद पढकर समझ सकते हैं. हमारी गारंटी इतनी सरल और स्पष्ट है कि हमें उन्हें समझाने की ज़रूरत भी नहीं है. लेकिन आपके लिए, मैं उन्हें यहां दोहरा रहा हूं.
खड़गे का मोदी को लेटर
श्री @narendramodi को लिखा गया मेरा पत्र साझा कर रहा हूँ, जो इस लोकसभा चुनाव में उनके बोले लगातार झूठों का पर्दाफ़ाश करता है।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 2, 2024
प्रिय प्रधानमंत्री जी,
आपने NDA के सभी उम्मीदवारों को मतदाताओं से क्या संवाद करना है यह बताते हुए जो पत्र लिखा है उसे मैने देखा।
पत्र के कंटेट और… pic.twitter.com/27YKsbJwDz
1. युवा न्याय - हम इस देश के युवाओं को नौकरी का भरोसा दे रहे हैं जो आपकी नीतियों के कारण भयंकर बेरोज़गारी से पीड़ित हैं। कांग्रेस ने युवाओं को 'पहली नौकरी पक्की' की गारंटी दी है.
2. नारी न्याय - इसका उद्देश्य हमारे देश की उन महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना है जो आपके नेताओं और उनकी मानसिकता के कारण उत्पीड़न झेलने को मजबूर हैं.
3. किसान न्याय - उन किसानों को सशक्त बनाना जिन्हें अपने फ़सलों के लिए उचित दाम मांगने पर गोली मारी गई और पीटा गया.
4. श्रमिक न्याय - उन श्रमिकों और कामगारों को सशक्त बनाना जो आपकी सूट-बूट की सरकार की नीतियों के कारण बढ़ती महंगाई और बढ़ती आय असमानता से पीड़ित हैं.
5. हिस्सेदारी न्याय - गरीबों को सशक्त बनाने के लिए, जिन्हें उनका अधिकार मिलना चाहिए.