पहला हक मुसलमानों का...18 साल पुराने डॉ. मनमोहन सिंह के एक बयान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
PM Narendra Modi: देश के प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं. इस बीच उन्होंने 18 साल पुराने डॉ. मनमोहन सिंह के एक बयान के बहाने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है. इस दौरान पीएम मोदी ने कई विवादित बातें भी कहीं हैं जो इस समय राजनीतिक गलियारों बहस छेड़ दी है.
PM Narendra Modi: पीएम मोदी ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है. दरअसल, पीएम मोदी ने रविवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस की सरकारी आएगी तो सभी लोगों की संपत्तियों का सर्वे करवाया जाएगा और उसे उन लोगों के बीच बांट दिया जाएगा जिनके पास बड़ी संख्या में बच्चे हैं. साथ ही घुसपैठियों के बीच भी बांटा जाएगा.
लोकसभा चुनाव के लिए जारी किए गए कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटाक्ष किया है. पीएम मोदी ने रविवार को कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति, जमीन और संपत्ति को मुसलमानों के बीच बांट देगी. मोदी ने कहा, "कांग्रेस ने पहले ही घोषणा कर दी है कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है."
इस रैली में पीएम मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि संपत्तियों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है जो मुस्लिम कोटा है. डॉ. मनमोहन सिंह और संसाधनों पर अधिकार की चर्चा के बीच भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंगनाथ मिश्रा की एक रिपोर्ट भी चर्चा का विषय बना गया है.
पीएम मोदी ने अपने बयान में क्या कहा?
प्रधान मंत्री के जिस बयान पर सियासी बहस छिड़ी हुई है वो राजस्थान में एक अभियान रैली के दौरान की है. इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों से पूछा कि, क्या आप यह बर्दाश्त कर सकते हैं कि सरकार आपकी मेहनत की कमाई और संपत्ति छीन ले?". उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने घोषणा की थी कि वह व्यक्तियों की संपत्ति, महिलाओं के स्वामित्व वाले सोने, ज्यादातर आदिवासी परिवारों के स्वामित्व वाली चांदी, और सरकारी कर्मचारियों और अन्य लोगों की भूमि और नकदी का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण करेगी और इसका पुनर्वितरण करेगी. "क्या आप यह बर्दाश्त कर सकते हैं कि सरकार आपकी मेहनत की कमाई और संपत्ति छीन ले?" पीएम मोदी ने आगे कहा की अगर अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति, जमीन और संपत्ति को मुसलमानों के बीच बांट देगी जिनके पास बड़ी संख्या में बच्चे हैं और जो घुसपैठ हैं. पीएम मोदी ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो का हवाला देते हुए कहा.
रंगनाथ मिश्रा की रिपोर्ट में क्या था?
साल 2007 में जब देश में कांग्रेस की सरकार थी तब जस्टिस रंगनाथ मिश्रा आयोग की एक रिपोर्ट आई थी जिसमें सिफारिश की गई थी कि इस्लाम और ईसाई धर्म में धर्मांतरित होने वाले दलितों को SC कैटेगरी का आरक्षण दिया जाए. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि इस्लाम या ईसाई धर्म में आने वाले दलितों को SC कैटेगरी का आरक्षण न मिलने के कारण वे सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक दृष्टि से पीछे रह गए हैं, लेकिन उस समय के तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने इस रिपोर्ट को दबाकर रख लिया और इसे देश में लागू नहीं किया.
रिपोर्ट में की गई थी ये सिफारिश
बाद में साल 2009 में इस रिपोर्ट के संसद में रखी गई और सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों को 10 प्रतिशत और अन्य अल्पसंख्यकों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की गई. इसके साथ ही सभी धर्मों में SC कैटेगरी के दर्जे की भी सिफारिश की गई. इस सिफारिश में साफ तौर पर कहा गया कि अगर 10 प्रतिशत मुस्लिम कोटे की सीटें न भरें तो उसे अन्य अल्पसंख्यकों को दे दिया जाए. हालांकि बाद में जब केंद्र की सत्ता में मोदी सरकार आई तो इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया. उस दौरान बीजेपी सरकार ने कहा कि ऐसे दलित जो जाती के कारण होने वाली समस्याओं की वजह से अपना धर्म बदलकर ईसाई या इस्लाम धर्म अपना रहे हैं वे उन लोगों द्वारा प्राप्त आरक्षण के लाभ पर दावा नहीं कर सकते हैं जो हिंदू धर्म में बने रहने का विकल्प चुना है.