पश्चिम यूपी में ठाकुर पंचायत बन सकती है भाजपा के लिए मुसीबत, क्या है नारागजी का कारण?
Lok sabha Election 2024: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को अब करीब 10 दिन का समय बचा हुआ है. देशभर में चुनाव गर्मी के बीच पश्चिम यूपी से ठाकुर समाज की ओर से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की खबर सामने आ रही है
Lok sabha Election 2024: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को अब करीब 10 दिन का समय बचा हुआ है. देशभर में चुनाव गर्मी के बीच पश्चिम यूपी से ठाकुर समाज की ओर से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की खबर सामने आ रही है जो कि भाजपा के लिए मुसिबत खड़ा कर सकती है आइए जानते हैं क्यों और किस प्रकार...
पश्चिम यूपी के सीट की बात करें तो मुजफ्फरनगर, कैराना, शामली और सहारनपुर लोकसभा सीट के तहत आने वाले ठाकुरों ने बीते दिन 7 अप्रैल को सहारनपुर जिले के नानौता में ठाकुर महाकुंभ आयोजित किया गया. जहा ठाकुर समाज एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि भाजपा हराएगें.
ठाकुर समाज का यह फैसला BJP को पड़ सकता है भारी
ठाकुर समाज का यह फैसला पश्चिमी यूपी में कहीं भाजपा के लिए मंहगा न पड़ जाए. क्योंकि लोकसभा चुनाव के बीच किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह करीब एक महीने से पश्चिम यूपी के सभी घरों में जाकर भाजपा को वोट न देने की बात रख रहे हैं. इसके साथ ही सहारनपुर के नानौता में हजारों की तादाद में ठाकुर समुदाय के लोग इकट्ठा होकर भाजपा के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है. पश्चिम यूपी में भाजपा के लिए ठाकुर समाज एक वोट बैंक की तरह काम करता है लेकिन कहीं ये ठाकुर समाज का फैसला भाजपा के लिए भारी न पड़ जाए?
ठाकुर समाज ने बताई भाजपा के लिए नाराजगी का कारण
ठाकुर पूरन सिंह एक मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा कि पश्चिम यूपी में भाजपा को लेकर काफी गुस्सा है. क्योंकि भाजपा पार्टी ने हर प्रकार से हमारे समाज के सभी मागों को अनदेखा किया है. राम मंदिर ट्रस्ट में श्री राम के वंशजों की और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पूरी तरह सूर्यवंशी क्षत्रियों की अनदेखी की गई. मजबूत क्षत्रिय नेताओं का राजनीतिक वजूद मिटाने की साजिश की जा रही है. गुजरात में पुरुषोत्तम रुपाला ने क्षत्रियों पर टिप्पणी करके समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है.
पश्चिम यूपी में एक भी नहीं ठाकुर प्रत्याशी
उन्होंने आगे कहा कि पश्चिमी यूपी में एक भी ठाकुर समाज के नेता को लोकसभा का प्रत्याशी नहीं बनाया जिसको लेकर समाज में काफी नराजगी है. इस बात का गुस्सा भाजपा को चुनाव के बीच उठाना पड़ेगा. साथ ही उन्होंने पश्चिम यूपी में ठाकुर समाज की काफी आबादी है. वहीं पश्चिम यूपी में सीटों की बात करें तो मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, कैराना, मेरठ, अमरोहा, बिजनौर लोकसभा सीट पर भी एक लाख से ज्यादा ठाकुर वोटर हैं. इसके बावजूद एक भी सीट पर किसी भी ठाकुर को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है.