धनबाद सीट से थर्ड जेंडर प्रत्याशी सुनैना सिंह ने चुनाव लड़ने का किया ऐलान, BJP के इस उम्मीदवार को देंगी टक्कर
देश की कोयला राजधानी धनबाद में चुनावी सरगर्मी तेज़ हो गयी है एक ओर जहाँ भाजपा ने अपने दबंग बाघमारा विधायक को लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी घोषित कर उनके लिए वोट मांग रहें हैं
Lok sabha Election 2024: देश की कोयला राजधानी धनबाद में चुनावी सरगर्मी तेज़ हो गयी है एक ओर जहाँ भाजपा ने अपने दबंग बाघमारा विधायक को लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी घोषित कर उनके लिए वोट मांग रहें हैं वही भले महागठबंधन ने अब तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया लेकिन चुनाव में इस बार थर्ड जेंडर की भी एंट्री सबको चौका कर रख दिया है थर्ड जेंडर कोयलांचल संघ के अध्यक्ष भी अब सियासी जंग में अपनी किस्मत आजमाने के लिए उतर चुकी है.
वर्तमान राजनीति में थर्ड जेंडर की भागीदारी शून्य है. जबकि एक समय ऐसा था जब देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक और महापौर मध्य प्रदेश से निर्वाचित हुए थे. ट्रांसजेंडर कमला बुआ और शबनम मौसी के प्रतिनिधि बनने के बाद से ही देश में एक नई राजनीति की शुरुआत हुई थी. इन दोनों ही ट्रांसजेंडर्स ने समाज को समता, समानता का संदेश दिया था. लेकिन बदलते वक्त ने थर्ड जेंडर को राजनीति से बाहर कर दिया.
इस बार झारखंड के कोयलांचल मे थर्ड जेंडर की चुनावी मैदान मे दावेदारी ने इनके समाज मे जान फुक दी है. कोयलांचल के थर्ड जेंडर संघ की जिला अध्यक्ष सुनैना सिंह इस बार लोकसभा चुनाव मे अपना ताल ठोक दी है, कल तक जो सभी को दुआएं देने वाले हाथ उठा करती थी उसी हाथ को मजबूत करने के मकशद से ट्रांसजेंडर समाज अपनी अध्यक्ष सुनैना सिंह राजपूत के लिए वोट मांग रहे हैँ. सुनैना ने ग्रेज्यूट पी के राय मेमोरियल कॉलेज से की उनका लालनपोषण झारखंड ट्रांस जेंडर संघ के प्रदेश अध्य्क्ष छमछम देवी ने की,बचपन से ही पढ़ाई लिखाई और समाज सेवा मे ज्यादा ध्यान देने वाली सुनैना किसी पहचान की मोहताज़ नही कोविड के दौरान इन्होने अपने टीम के साथ समाज सेवा मे लगे रहे.
जिले के स्टेशन और बस स्टैंड के आस पास जो सड़क पर ठेला लगाने वाले, कूड़ा बीनने वाले, भिखारी, गरीब और कमजोर समूह के लोगो को दो साल तक दो टाइम मुफ्त भोजन दिया करते थे. सुनैना का कहती है कि जो धनबाद देश को ऊर्जा देता है वह खुद अंधेरा मे है जो धनबाद रेल मंडल देश का दूसरा सबसे कमाऊ रेल मंडल है पर यहाँ के लोगो को दिल्ली मुंबई या दक्षिण जाने के लिए आज तक डायरेक्ट ट्रेन नहीं मिली. एयरपोर्ट और एम्स जैसे बड़े अस्पताल धनबाद से देवघर चला गया पर जनप्रतिनिधि मौन रहें इन्ही सभी मुद्दों को लेकर वह चुनावी मैदान मे उतर रही है.
वही सुनैना सिंह के मुताबिक, आजादी के 75 साल बाद भी ट्रांस समुदाय के सदस्यों से किनारा किया जाता है. अब तक उनके लिए किसी पार्टी ने कुछ नहीं किया. अपने परिवार के सदस्यों से वर्षों तक उपहास झेलने के बाद भी सुनैना अपने जैसों और मिडिल क्लास फैमिली के सपोर्ट से चुनावी मैदान में कूदने जा रही है. राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवारों के आगे सुनैना जनता को ही अपनी पार्टी मानकर चुनाव लड़ेंगी. सुनैना कहती हैं कि राजनीति में आने के बाद ज्यादातर लोग भाई-भतीजा वाद करते हैं.उन्होंने कहा कि ट्रांस का कोई भाई-भतीजा नहीं होता, हम हमेशा दूसरों का भला चाहते हैं.