Vijender Singh: BJP सिस्टम को गंदा बताकर संसद में गालियां देने वाले बिधूड़ी के खिलाफ लड़ चुके हैं चुनाव

Nayak: जैसे- जैसे लोकसभा का चुनाव नजदीक आता जा रहा है वैसे- वैसे पार्टियों में दल बदल का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. लोकसभा चुनाव को होने को अब 15 दिन से कम समय बचा है.

Sagar Dwivedi
Edited By: Sagar Dwivedi

Nayak: जैसे- जैसे लोकसभा का चुनाव नजदीक आता जा रहा है वैसे- वैसे पार्टियों में दल बदल का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. लोकसभा चुनाव को होने को अब 15 दिन से कम समय बचा है. वहीं इस बीच अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर विजेंद्रर कुमार अपने दमदार पंच से मुक्केबाजी रिंग से विरोधियों को चारों खाने चित करने वाले ओलंपिक मेडल विनर विजेंदर कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए है. उनके इस फैसले वो काफी सुर्खियों में आ गए है. 

विजेंदर सिंह का जन्म 29 अक्टूबर 1985 में हुआ था. फिलहाल वो एक भारतीय पेशेवर मुक्केबाज और भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं. साल 2008 में उन्होंने कांस्य पदक जीता और साथ ही  साथ ही 2006 और 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक भी जीते. जून 2015 में, विजेंदर सिंह पेशेवर बन गए और आईओएस स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट के माध्यम से क्वींसबेरी प्रमोशन के साथ एक बहु-वर्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए. इससे उन्हें 2016 ओलंपिक से बाहर कर दिया गया जो उनका चौथा ओलंपिक होता.

2019 में विजेंदर सिंह राजनीति में थी एंट्री

विजेंदर सिंह जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं साल 2019 में उन्होंने राजनीति में एंट्री की थी. इस दौरान कांग्रेस में शामिल होने पर उन्होंने कहा था कि. गंदे सिस्टम को झेलने के बाद उसे दुरुस्त करने की मंशा उन्हें राजनीति में खींच लाई और जुमलेबाजी की बजाय वो लोगों को न्याय दिलाने के लिए काम करेंगे. 

विजेंदर सिंह ने साल 2019 लड़ा दक्षिण दिल्ली से लोकसभा चुनाव

कांग्रेस ने उन्हें दक्षिण दिल्ली से चुनावी मैदान में उतारा था. इस चुनाव में  विजेंदर सिंह को भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद विजेंदर सिंह राजनीति में उतने एक्टिव नहीं रहे. दिसंबर 2023 में उन्होंने राजनीति से संन्यास के भी संकेत दिए थे. बीते गिन कुछ दिन पहले इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं खि वो राजनीति में वापसी कर सकते हैं. जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले विजेंदर हरियाणा के भिवानी के रहने वाले हैं. ऐसे में वो दिल्ली से हरियाणा तक बीजेपी के फायदेमंद हो सकते हैं.

वहीं विजेंदर सिंह की वोट बैंक की बात करें तो एक एक जाट समुदाय से आते है. लेकिन साल 2019 में उन्होंने एक बयान दिया था कि वो जातिगत के आधार पर राजनीति करने नहीं आए है. साथ ही उन्होंने कहा था कि मै जातिगत के आधार पर नहीं जाना चाहता हूं कि क्योंकि मैं एक खिलाड़ी हूं और एक खिलाड़ी जातिगत नहीं बल्कि देश के के लिए खेलता है, 

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03 April 2024, 05:08 PM IST

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