PM Oath Ceremony: हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए को बहुमत मिलने के बाद नरेंद्र मोदी रविवार 9 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. यह मेगा इवेंट राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शाम 7:15 बजे शुरू होगा. लेकिन क्या आपको रता है कि इससे पहले जितने भी प्रधानमंत्री रहे हैं उन्होंने किस तरह से शपथ ली थी. इन वीडियो में आप देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि तब से आज तक क्या बदलाव हुए हैं.
नरेंद्र मोदी पंडित जवाहर लाल नेहरू की तरह ही आज तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. पंडित नेहरू की बात करें तो उन्होंने तब सत्ता संभाली जब देश गुलामी से आजाद हुआ था. गुलामी के दौर में ही 1946 में चुनाव कराए गए थे. उसमें कांग्रेस 1585 में से 923 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी. देखिए उस वक्त कैसे नेहरू ने शपथ ली थी.
4 मार्च 1977 को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले मोरारजी देसाई थे. वो देश के 6ठे PM होने के साथ साथ पहले ऐसे शख्स थे जो कांग्रेस से नहीं थे. जब वो कांग्रेस में थए तब उनकी इंदिरा के साथ बात बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. उन्होंने किस तरह से पीएम पद की शपथ ली थी वीडियो में देखिए...
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जैसे ही राजीव दिल्ली पहुंचे तो इंदिरा गांधी के सचिव पीसी अलेक्जेंडर ने उनसे कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि वे प्रधानमंत्री बनें. लेकिन सोनिया गांधी ने इसका विरोध किया. वह नहीं चाहती थीं कि राजीव प्रधानमंत्री बनें.
देश के 13वें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लगातार 10 सालों तक (22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक) प्रधानमंत्री रहे. मनमोहन सिंह 1991 में पहली बार राज्यसभा सांसद बने. वह 1991 से 1996 तक नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे.
भारतीय जनता पार्टी की नींव रखने वाले चेहरों में से एक अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने. 1996 से लेकर 2004 तक 3 बार प्रधानमंत्री बने. इतिहास के खजाने से वाजपेयी का एक वीडियो आपके लिए लेकर आए हैं.
इंदिरा गांधी ने 24 जनवरी 1966 को राष्ट्रपति भवन में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के सामने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. पिछली सरकारों में मंत्री रहे ज्यादातर नेता इंदिरा गांधी की पहली कैबिनेट में शामिल थे. देखिए शपथ की वीडियो...
2014 से 2019 और फिर 2024 तक लगातार दो बार प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी अब तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. मोदी ने 2014 में उस समय देश की कमान संभाली जब घोटाले आम थे और कई केंद्रीय मंत्रियों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी.