राधिका खेड़ा ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, बोली धर्म का साथ देने पर हो रहा था मेरा विरोध

Loksabha Election 2024: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में राधिका खेड़ा ने लिखा, आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है.हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं. वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं.

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Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव तीसरे चरण के चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियों के बीच हलचल तेज हो गई है. ऐसे में राजनेताओं के भी एक दल को छोड़कर दूसरे दल में शामिल होने का सिलसिला भी तेजी से चल रहा है. इस बीच कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में बड़ा झटका लगा है. पार्टी की नेता राधिका खेड़ा ने इस्तीफा दे दिया है.

इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पल्टफॉर्म एक्स पर कांग्रेस  राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखा, "आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं व अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं. उन्होंने लिखा, हां मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं, और वही अब मैं कर रहीं हूं. अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी."

मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिख दिया इस्तीफा 

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में राधिका खेड़ा ने लिखा, "आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है.  हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं.  वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं. 

राधिका ने पत्र में आगे लिखा कि हर हिंदू के लिए प्रभु श्री राम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है और राम लल्ला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए, जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहाँ ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में राम लल्ला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई. 

इस वजह से दिया कांग्रेस से इस्तीफा 

उन्होंने लिखा कि मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इंकार कर दिया गया. मैंने हमेशा ही दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, लेकिन जब खुद के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने खुद को हारा हुआ पाया. प्रभु श्री राम की भक्त व एक महिला होने के नाते मैं बेहद आहत हूं.  बार बार पार्टी के समस्त शीर्ष नेताओं को अवगत कराने के बाद भी जब मुझे न्याय नहीं मिला, इससे आहत होकर मैंने आज यह कदम उठाया है.  First Updated : Sunday, 05 May 2024