आकाश आनंद को लेकर अखिलेश यादव ने ऐसा क्या किया पोस्ट? जो भड़क गई BSP प्रमुख
Loksabha Election 2024: बीएसपी प्रमुख मायावती ने मंगलवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर पद के साथ-साथ एक साल पहले दी गई उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी से हटा दिया है. इस बीच मायावती के इस फैसले पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक पोस्ट किया है.
Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के तीन चरणों के मतदान हो जाने के बाद राजनीतिक पार्टियों ले बीच हलचल और तेज हो गई है. ऐसे में बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने 7 मई यानि मंगलवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर पद के साथ-साथ एक साल पहले दी गई उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी से हटा दिया है. इस बीच मायावती के इस फैसले पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक पोस्ट किया है. इस पोस्ट में अखिलेश यादव ने मायावती के फैसले को आंतरिक मामला बताया है, साथ ही उन्होंने निशाना भी साधा है. ऐसे में अखिलेश यादव के पोस्ट पर मायावती ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
इस दौरान अखिलेश यादव की पोस्ट पर प्रतक्रिया जाहिर करते हुए मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, बीएसपी संगठन में क्या कुछ चल रहा है इस पर घोर दलित-विरोधी सपा अगर कोई टिप्पणी व चिन्ता नहीं करे तो बेहतर है. इसके बदले सपा नेतृत्व को चुनाव में उतारे गए उनके अपने परिवार और उनके यादव समाज के प्रत्याशियों का क्या हाल है, इसकी चिंता करे क्योंकि उन सबका हाल बेहाल है.
सपा के काम ऐसे हैं जिसे माफ करना मुश्किल: मायावती
मायावती ने आगे कहा कि सपा का चाल, चरित्र व चेहरा, हमेशा की तरह आज भी, जबरदस्त दलित, अति-पिछड़ा व संविधान में इनको दिए गए आरक्षण आदि के अधिकारों की विरोधी पार्टी का है. प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करना तथा इस सम्बंध में बिल को संसद में फाड़ना आदि इनके ऐसे कार्य हैं जिसे माफ करना मुश्किल.
मायावती ने कहा कि बीएसपी सरकार द्वारा बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में उनके नाम पर यूपी में बनाए गए जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों आदि के नाम को जातिवादी सोच के कारण बदलना सपा सरकार के ऐसे कृत्य हैं जो इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज हैं.
अपनी पोस्ट में क्या बोले थे अखिलेश यादव?
अखिलेश यादव ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, "बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी क़दम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है. दरअसल इसके पीछे असली वजह ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है क्योंकि बसपा के अधिकांश समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं. इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है. इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है लेकिन अब बाज़ी बसपा के हाथ से निकल चुकी है.
बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी क़दम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है। दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है क्योंकि बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 8, 2024
सच तो ये है कि जब बसपा का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है. ऐसे में हम सभी वोटरों से अपील करते हैं कि आप अपना वोट ख़राब न करें और जो बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी के संविधान को बचाने के लिए सामने से लड़ रहे हैं, इंडिया गठबंधन के उन प्रत्याशियों को वोट देकर जिताएं और संविधान के संग, आरक्षण भी बचाएं.