Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीसरे चरण के ममतदान से पहले सभी राजनीतिक दलों के बीच हलचल तेज होती नजर आ रही है. ऐसे में चुनावों के बीच भाजपा के लिए बुरी खबर सामने आई है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय और कर्नाटक इकाई के प्रमुख बी वाई विजयेंद्र के खिलाफ एक सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है.
पुलिस के अनुसार इन नेताओं पर एक विशेष उम्मीदवार को वोट न देने के लिए अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को कथित तौर पर डराने-धमकाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस की और से यह एक्शन कांग्रेस की और से बीजेपी नेताओं को लेकर की गई शिकायत के बाद लिया गया है. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) ने आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए रविवार को चुनाव आयोग औरपुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भाजपा नेताओं पर जन प्रतिनिधि कानून की धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा को बढ़ावा देने वाला बयान देना) के तहत एफआईआरदर्ज की गई है.
बता दें, कि केपीसीसी ने शिकायत में कर्नाटक प्रदेश भाजपा के आधिकारिक अकाउंट से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म‘एक्स’ पर शेयर किए गए एक वीडियो का हवाला दिया. उसने आरोप लगाया कि इस अकाउंट का संचालन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के निर्देश पर पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय करते हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गए इस वीडियो में राहुल गांधी और (मुख्यमंत्री) सिद्धरमैया के एनिमेटेड किरदार दिखाए गए हैं. और वीडियो ममें एससी, एसटी और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय को एक घोंसले में रखे ‘अंडों’ के तौर पर दिखाया गया है तथा इसमें राहुल गांधी को मुस्लिम समुदाय नाम से एक बड़ा अंडा रखते हुए भी दिखाया गया है.
केपीसीसी ने आगे कहा कि इसे इस तरह से प्रदर्शित किया गया है कि जैसे कि मुस्लिम समुदाय को दर्शाने वाले चूजों को धन दिया जा रहा हो, जो बाद में एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को बाहर निकाल देते हैं. केपीसीसी ने शिकायत की है कि आरोपियों का काम जानबूझकर दंगा भड़काना और विभिन्न धर्मों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना है तथा एक विशेष उम्मीदवार को वोट नहीं देने के लिए एससी-एसटी समुदाय के सदस्यों को डराना-धमकाना और इस समुदाय के सदस्यों के खिलाफ वैमनस्य पैदा करना है. First Updated : Monday, 06 May 2024