राम मंदिर को लेकर ऐसा क्या बोल गए सपा नेता रामगोपाल यादव? भड़क गई BJP
Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनावों के मद्देनजर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने अयोध्या मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है. जिसके बाद पूरी सियासत गर्मा गई है. उनके इस बयान के लिए भाजपा ने उन पर निशाना साधा है.
Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर हलचल और तेज हो गई है. ऐसे में आज ( 7 मई) देश में तीसरे चरण के तहत 94 लोकसभा सीटों के लिए मतदान जारी है. वहीं उत्तर प्रदेश की भी 10 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने अयोध्या मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है. जिसके बाद पूरी सियासत गर्मा गई है. उनके इस बयान के लिए भाजपा ने उन पर निशाना साधा है.
राम गोपाल यादव ने आयोध्या राम मंदिर को लेकर अपने बयान में कहा कि मंदिर तो बेकार है, ऐसे मंदिर नहीं बनाए जाते है? मंदिर ऐसे नहीं बनते हैं, पुराने मंदिर देख लीजिए दक्षिण से लेकर उत्तर तक देख लीजिए. नक्शा ठीक नहीं बना है उसका वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया है.
भाजपा ने सपा नेता के बयान पर साधा निशाना
रामगोपाल यादव के बयान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा नेता का यह बयान हिन्दू विरोधी है और उन्होंने रामभक्त हिन्दू समाज का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि रामगोपाल के बयान से सम्माजवादी पार्टी की मंशा सामने आ गई है. वहीं भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, 'कब्रिस्तान बनवाना अच्छा था, मंदिर बेकार है. इनके लिए वो उत्तर प्रदेश अच्छा था जो मुख्तार अंसारी, अबू सलेम, अतीक अहमद और छोटा शकील के लिए जाना जाता था और आज वो यूपी इनके जमाने में अपराध को सैद्धांतिक स्वीकार्यता मिल गई थी. फिल्में क्या बनती थी यूपी में- जिला गाजियाबाद, लखनऊ सेंट्रल, मिर्जापुर.. यानि पूरी अपराध केंद्रित फिल्में बनती थी, ये अच्छा था..
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि आज अयोध्या, काशी, कुशीनगर, प्रयाग यहां पर उभरता हुआ उत्तर प्रदेश बेकार है. मैं प्रोफेसर रामगोपाल यादव से पूछना चाहूंगा कि सूर्यतिलक हुआ इतना शानदार और साइंटिफिक, वो बेकार था? एक लाख करोड़ का व्यापार तो उस समय हो गया जब मंदिर का उद्घाटन हुई. एयरपोर्ट बन गया अयोध्या में, वो बेकार था.?'
सुधांशु त्रिवेदी ने INDIA अलायंस से किया ये सवाल
इस दौरान सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन ये साफ करे कि अगर उनकी नजर में राम मंदिर बेकार है तो शाहबानो केस की तरह क्या वह अपनी सत्ता आने पर, जो आनी नहीं है वह राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने की तमन्ना रखते हैं? या कोई कानूनी पेंच निकालकर, जैसे 1949 में राम मंदिर में ताला लगवा दिया था, वैसे ही ताला लगवाना चाहते हैं?'