Sam Pitroda: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दूसरे चरण के मतदान से पहले संपत्ति बंटवारे को लेकर सियासी घमासान के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के विरासत कर पर दिए गए बयान पर सियासी घमासान मच गया है. जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनके बयान पर कांग्रेस को घेरा है, वहीं कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से दूरी बना ली है.
मीडिया से बात करते हुए पित्रोदा ने कांग्रेस के चुनावी वादे का बचाव किया. उन्होंने कहा कि धन के पुनर्वितरण की नीति लोगों के हित में थी, न कि केवल अति अमीरों के हित में. उन्होंने इसमें अमेरिका का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ''कुछ अमेरिकी राज्यों में विरासत कर की अवधारणा पर विस्तार से बताते हुए, पित्रोदा ने कहा, "अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45% अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55% सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है.
उन्होंने कहा कि यह एक दिलचस्प बात है कानून कहता है कि आपने, अपनी पीढ़ी में, संपत्ति बनाई, और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है."
दुनिया के कई देशों में विरासत कर लगाया जाता है. इसको साफ तौर पर कहा जाए तो ये कहा जा सकता है कि ये उस इंसान को देना होता है जिसको विरासत में कोई प्रोपर्टी मिली हो. इस प्रोपर्टी पर सरकार टैक्स लेती है. हालांकि इस टैक्स का चलन सामान्य तौर पर नहीं होता है. अमेरिका में, केवल छह राज्यों में विरासत कर है, एक अन्य कर है जिसे संपत्ति कर कहा जाता है, जिसे "मृत्यु कर" भी कहा जाता है, जो मृत्यु के बाद संपत्ति हस्तांतरित करने के अधिकार पर लगाया जाता है. First Updated : Wednesday, 24 April 2024