Hemant Karkare: लोकसभा चुनाव का मौसम है इसी की वजह से माहौल भी गरम है. पक्ष विपक्ष के नेताओं की कई मामलों में जबान ऐसी फिसलती है कि उसका बड़ा मुद्दा बन जाता है. हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे की मौत को लेकर ऐसा बनाय दे दिया है जिसके बाद पूरी राजनीति में भूचाल आ गया है. उन्होंने कहा था कि हेमंत को आतंकवादियों ने नहीं बल्कि RSS के हिमायती अफसर ने मारा था. पढ़िए हेमंत करकरे की शहादत की असल कहानी क्या है.
महाराष्ट्र विधानसभा के विपक्ष के नेता और कांग्रेस विजय वडेट्टीवार का एक ने हाल ही में एक बड़ा बयान दे दिया , जिसमें उन्होंने कहा कि ''IPS अफसर हेमंत करकरे को किसी आतंकवादी ने नहीं बल्कि RSS के हिमायती पुलिस अफसर ने मारा था.''
उन्होंने आगे कहा कि ''इस कदम को छुपाकर उज्जवल निकम को टिकट दिया गया है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी से सवाल पूछा जाना चाहिए कि क्या वो देशद्रोहियों का समर्थन करने वालों की पार्टी है?''
26/11 का आतंकी हमला तो सबको याद होगा, जब समुंदर के रास्ते मुंबई में 10 पाकिस्तानी आतंकी घुस आए थे. इस दिन शहर के कई इलाकों में बम धमाके हुए. उस वक्त मुंबई ATS के प्रमुख हेमंत करकरे थे. आतंकियों से लड़ाई करने में वो अकेले नहीं थे, बल्कि उनके साथ दो और पुलिसवाले थे.
हेमंत करकरे ने अपने साथियों के साथ आतंकियों से जंग में अपनी जान खो दी थी. 26/11 आतंकी हमले के मामले में दायर आरोपपत्र में बताया गया कि आतंकियों ने हेमंत करकरे के सीने में गोली मारी थी.
मुंबई हमले की मुंबई पुलिस ने एक चार्जशीट बनाई, जिसमें हमले में क्या क्या हुआ इस बात की सारी जानकारी दी गई है. चार्जशीट में लिखा गया कि आतंकवादियों ने हेमंत को तीन गोलियां मारी थी जो उनके सीने में लगी. जानकारी के मुताबिक, ये तीनों अधिकाररी कामा अस्पताल जाने का फैसला किया, उनको इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उसी गेट से आतंकी भी उनके सामने आ जाएंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में जो कांस्टेबल जिंदा बच पाए उन्होंने बताया कि जैसे ही वो हमले वाली जगह पर गए तभी उनके सामने आतंकी आ गए, वहीं पर मुठभेड़ शुरू हो गई. इसी मुठभेड़ में हेमंत करकरे अपने साथियों के साथ देश के लिए शहीद हो गए. First Updated : Monday, 06 May 2024