कौन है लाल बिहारी मृतक? जो PM मोदी के खिलाफ वाराणसी से लड़ेंगे चुनाव
Loksabha Election: मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल बिहारी 'मृतक' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से इस बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.
Lal Bihari Mritak: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों में चल रही तैयारियों के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल बिहारी 'मृतक' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से इस बार आम चुनाव लड़ेंगे. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर थाना अंतर्गत आने वाले गांव अमीलो के निवासी लाल बिहारी दागी मृतक संघ के बैनर तले वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं
इसके अलावा मार्टिनगंज तहसील के सुरहन गांव के रहने वाले रामबचन राजभर आजमगढ़ से बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ और सपा के धर्मेंद्र यादव के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.
चुनाव लड़ने पर क्या बोले लाल बिहारी?
इस दौरान मृतक संघ के अध्यक्ष लाल बिहारी ने पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने के संबंध में कहा कि वह इस चुनाव को लड़कर सिस्टम के विरुद्ध अपनी लड़ाई को स्थापित करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि 'मुझे जिंदा रहते ही कागजों में मृत घोषित कर दिया गया. तहसील व जिला प्रशासन ही नहीं मैंने केंद्र व प्रदेश की सरकारों के अलावा जन प्रतिनिधियों तक न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. फिर मरता क्या न करता कहावत को चरितार्थ करते हुए मैंने मृतक संघ की स्थापना की.'
इसलिए की 'मृतक संघ' की स्थापना
लाल बिहारी ने आगे कहा कि उन्होंने अपनी तरह जीवित रहते ही कागजों में मृत घोषित कर दिए गए लोगों के मौलिक अधिकारों की लड़ाई के लिए 'मृतक संघ' की स्थापना की. वह तीन बार लोकसभा और तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. लाल बिहारी ने कहा कि मुझे पता है कि मैं जिन व्यक्तियों के खिलाफ चुनाव लड़ता हूं, उनके सामने जीतूंगा नहीं. लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान लोग यह तो जान ही जाएंगे कि विभागीय मिलीभगत से जिंदा रहते हुए लोगों को मृतक घोषित कर दिया जा रहा है और न्याय कहीं से नहीं मिल रहा.
कौन है मृतक लाल बिहारी?
बता दें, कि पेशे से किसान लाल बिहारी को सरकारी अधिकारियों ने 1972 में कागजों में मृत घोषित कर दिया था. उनके परिवार के सदस्यों ने ही जायदाद की लालच में तहसील के सरकारी अधिकारियों की मदद से उनको कागजों में मृत घोषित करवाकर उनकी जमीन हड़प ली थी. लाल बिहारी के जीवन की इस असल घटना पर 'कागज' नाम की एक बॉलीवुड फिल्म भी बनी है, जिसमें अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने मुख्य किरदार.