कौन हैं मेहराज मलिक? जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में खोला AAP का खाता
Mehraj Malik: जम्मू-कश्मीर में डोडा विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. यहां आम आदमी पार्टी के मेहराज मलिक ने 4,700 वोटों से जीत हासिल की. डोडा विधानसभा सीट पर जीत के बाद मेहराज मलिक ने कहा कि ये पहला पड़ाव है, अभी तो और आगे जाना है.
Mehraj Malik: जम्मू-कश्मीर में उधमपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली डोडा विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. यहां आम आदमी पार्टी के मेहराज मलिक ने 4,700 वोटों से जीत हासिल की. मेहराज मलिक भाजपा के गजय सिंह राणा को 4 हजार से भी ज्यादा वोटों से हरा दिया.
डोडा विधानसभा सीट पर जीत के बाद मेहराज मलिक ने कहा कि ये पहला पड़ाव है, अभी तो और आगे जाना है. मेहराज मलिक ने कहा कि इस चुनाव में ये कमी रही कि हम जम्मू-कश्मीर में हर जगह चुनाव नहीं लड़ पाए, ये जीत जनता की है, हम जनता की जीत लड़ने आए हैं.
ये वक्त काम करने का है- मेहराज मलिक
जीत के बाद मेहराज मलिक ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर की विधानसभा होगी और मेहराज मलिक वहां दिखेगा. ये वक्त काम करने का है. जो लोग करप्ट हैं, लूटने का काम कर रहे, जिन लोगों का धंधा चुनाव से चलता है, उन्हें बाज आना चाहिए. जनता ने उन्हें आज आईना दिखाने का काम किया है.
कौन हैं मेहराज मलिक?
मेहराज मलिक काफी पहले से आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं. 36 साल के मेहराज मलिक पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके हैं. मेहराज मलिक ने 2008 में राजनीति में आने के बारे में सोचा था. एक इंटरव्यू में मेहराज मलिक ने बताया कि जब उन्होंने अपने गांव और आसपास के इलाकों में भ्रष्टाचार देखा तो उन्हें उसे खत्म करने के सियासी रास्ता ही बेहतर लगा. उस वक्त उन्होंने अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की थी.
क्यों चुनी आम आदमी पार्टी?
मेहराज मलिक ने बताया कि उनका मकसद भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना है. इसके लिए उन्होंने पहले कांग्रेस और पीडीपी के भी दरवाजे खटखटाए, मगर किसी ने उनकी नहीं सुनी. इस बीच उन्होंने दिल्ली के मॉडल, आम आदमी पार्टी के बारे में सुना. 2013 में उन्हें एहसास हुआ कि AAP देश के बदलाव का हिस्सा बन सकती है. इसके बाद उन्होंने उन्होंने वहां से दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ ली.
कहां से आते हैं मेहराज मलिक?
डोडा में मेहराज मलिक उस क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे हैं जहां हाल ही में कई आतंकी हमले हुए हैं. अभी पिछले अगस्त में, जिले के अस्सर इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कैप्टन की जान चली गई, साथ ही एक नागरिक भी घायल हो गया. सुरक्षा बलों ने एक अमेरिकी निर्मित असॉल्ट राइफल और कई रूकसैक बरामद कि. इसके अतिरिक्त, जुलाई में, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डोडा में एक मुठभेड़ के बाद आतंकी नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया, जिसमें एक अधिकारी सहित चार सैन्यकर्मी मारे गए थे.