चिराग तले अंधेरा: मंदिर के नाम पर पूरे देश में मांगे वोट लेकिन अयोध्या में क्यों नाकाम हुई BJP?
'चिराग तले अंधेरा' ये कहावत तो सभी ने सुनी होगी और आजकल यह कहावत अयोध्या यानी फैजाबाद सीट के लिए सटीक बैठ रही है. क्योंकि जिस राम मंदिर के नाम पर भाजपा ने देशभर में वोट मांगे उस मंदिर वाली सीट पर ही भाजपा की हार हो गई.
Ayodhya: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया है. 400 पार का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन सिर्फ 292 सीटों पर ही सिमट गया. वहीं विपक्षी महागठबंध (INDIA) ने उम्मीद से बढ़कर सीटें हासिल की हैं. INDIA 234 सीटें मिली हैं. जिसमें 99 कांग्रेस की हैं जबकि सपा को 37 सीटें मिली हैं. उत्तर प्रदेश की जनता से भाजपा को झटका लगा है. क्योंकि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां की 80 सीटों में से 62 पर जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार सिर्फ 33 सीटों पर ही जीत नसीब हुई है. हैरानी तो इस बात की है कि अयोध्या का राम मंदिर मुद्दा जो जिसे भाजपा ने पूरे देश में भुनाने की कोशिश की वो भी काम ना आ पाया. क्योंकि भाजपा अयोध्या (फैज़ाबाद लोकसभा सीट) भी अपने हाथ से गंवा दी है.
पूरी दुनिया में अयोध्या की चर्चा:
अयोध्या फैज़ाबाद लोकसभी सीट के तहत आता है. यहां से समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता अवधेश प्रसाद ने भाजपा के लल्लू सिंह को करारी हार दी है. अवधेश प्रसाद को यहां से 5 लाख 54 हजार 289 वोट हासिल हुए हैं जबकि भाजपा के लल्लू सिंह 4 लाख 99 हजार 722 वोट ही प्राप्त कर पाए. अयोध्या से भाजपा की हार ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है. क्योंकि राम मंदिर को 2024 के चुनाव में ब्रह्मास्त्र के तौर पर देखा जा रहा था कि भाजपा को इसके नाम पर जमकर वोट मिलेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. तो चलिए आखिर जानते हैं कि क्या कमी रह गई कि भाजपा को इस सीट पर शिकस्त का सामना करना पड़ा.
राम मंदिर भी नहीं बचा पाया लाज?
लंबे अरसे के इंतेजार के बाद अयोध्या में राम मंदिर बना और इसके उद्घाटन के चलते पूरा देश राममय हो गया था. कहा यह भी जा रहा है कि राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या में जबरदस्त विकास हुआ और रोजगार के भी मौके बने लेकिन जनता ने फिर भी नाराजगी दिखाई. नाराजगी भी ऐसी कि यहां से दो बार के सांसद को बाहर का रास्ता दिखा गया. इसके पीछे लल्लू सिंह के बयान और उनकी छवि ने उन्हें नुकसान पहुचाया है. क्योंकि चुनावी प्रचार के दौरान लल्लू सिंह ने एक बयान ऐसा दे दिया था जिसकी वजह से भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को भी सफाई देनी पड़ी.
संविधान बदलना चाहते थे लल्लू सिंह:
दरअसल चुनावी प्रचार के दौरान भाजपा उम्मीदवार लल्लू सिंह ने कहा था कि सरकार तो 272 सीटों पर भी बन जाएगी लेकिन संविधान बदलने के ज्यादा सांसदों की जरूरत होगी. लल्लू सिंह भाजपा के 400 पार वाले बयान को लेकर कहना चाहते थे कि उन्हें संविधान बदलने के लिए 400 सांसदों की जरूरत होगी. उनके इस बयान ने काफी नुकसान पहुंचाया और विपक्षी पार्टियों खासकर अखिलेश यादव ने इसको भुनाना शुरू कर दिया.
देखिए VIDEO:
BREAKING NEWS 🚨
— Surbhi (@SurrbhiM) April 14, 2024
Another BJP MP Lallu Singh who is contesting from Ayodhya says BJP needs 400 seats in the Lok Sabha to change the constitution.
He says for Govt, we need only 272 but to change the entire constitution, we need 400 seats. #Dhruv_Rathee pic.twitter.com/SqE88Nydrj
सपा ने खेला जाति का दांव:
इसके अलावा अखिलेश यादव का जाति वाला दाव भी यहां पर काम आया. दरअसल जनरल सीट होने के बावजूद समाजवादी पार्टी ने यहां से दलित उम्मीदवार को मैदान में उतारा. जो अयोध्या की सबसे बड़ी आबादी (दलित पासी) है. फैजाबाद में दलित 26 फीसद, मुस्लिम 14, कुर्मी 12, ब्राह्मण 12 और यादव भी लगभग 12 फीसद ही हैं. भाजपा के लल्लू सिंह ठाकुर बिरादरी से आते हैं, जबकि अवधेश प्रसाद दलित पासी बिरादरी से हैं. ऐसे में उन्हें फेक्टर का भी फायदा मिला.
आरक्षण के मुद्दे पर एकजुट हुई जातियां:
अवधेश प्रसाद मुलायम सिंह यादव के साथियों में शुमार किए जाते हैं और अपनी बिरादरी में उनकी मजबूत पकड़ है. साथ ही सपा ने यहां के लोगों को आरक्षण को लेकर भी वोट भुनाए. यही कारण है कि आरक्षण खत्म न हो जाए इसके डर से दलि ओबीसी, कुर्मी समेत आरक्षित जातियों ने एक साथ होकर वोट डाला और सपा उम्मीदवार पर भरोसा जताया.