Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान हो जाने के बाद जहां एक तरह राजनीतिक पार्टियों के बीच हलचल और बढ़ गई है. वहीं दूसरी और कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस साल जिन निर्वाचन क्षेत्रों में सांप्रदायिक हिंसा भड़की है, उन जगहों पर आम चुनाव ना कराने की चेतावनी दी है. आज ( 23 अप्रैल) हाई कोर्ट में इस बारे में कहा गया कि अगर लोग 8 घंटे तक भी कोई जश्न नहीं मना सकते है तो हमारी भी सिफारिश है कि चुनाव आयोग ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव कराने की मंजूरी ना दें. देश में आचार संहिता लागू होने के बाद भी उसका उल्लंघन होता है और दो समुदायों के लोग आपस में लड़ते हैं हैं तब उन्हें उम्मीदवार चुनने का कोई हक नहीं है.
कलकत्ता हाई कोर्ट ने आज यानि मंगलवार को रामनवमी के दौरान हुई हिंसा से जुड़ी घटनाओं पर संज्ञान लिया है. ऐसे में हाई कोर्ट की ओर से कहा गया कि वह चुनाव आयोग के सामने बहरामपुर संसदीय क्षेत्र में होने वाले चुनाव को टालने का प्रस्ताव रखेगा.
न्यूज वेबसाइट 'लाइव लॉ' की रिपोर्ट के अनुसार, मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने कहा, "हम चुनाव आयोग से सिफारिश करेंगे कि जब लोग कुछ घंटों के लिए शांति के साथ त्योहार नहीं बना सकते हैं तब उन्हें संसदीय उम्मीदवार चुनने का हक भी नहीं दिया जाना चाहिए. ऐसे में चुनावों को टाल देना चाहिए.
कोर्ट की तरह से सुनवाई के दौरान आगे कहा गया कि कुछ तुच्छ घटनाओं के चलते बड़ा धमाका हो सकता है. ऐसा नहीं होता कि ये सारी घटनाएं पहले से सुनियोजित होती हैं. त्योहार के दिन किसी आदमी के ऊपर कोई चीज सवार हो जाती है और वह लोगों को भड़काने लगता है, लेकिन इस तरह की असहनशीलता दोनों तरफ से है.
इस बार देश में रामनवमी का पर्व 17 अप्रैल, 2024 को मनाया गया. ऐसे में पश्चिम बंगाल में इस दिन कुछ जगहों पर हिंसा भड़क थी. मुर्शिदाबाद में रामनवमी जुलूस के दौरान झड़पों से जुड़ी छिटपुट घटनाओं के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग (ईसी) को जिम्मेदार ठहराया था. झड़प में कथित तौर पर कुछ लोग घायल हो गए थे, जबकि पिछले साल भी हावड़ा और हुगली जिलों में रामनवमी जुलूस पर हिंसा की दो अलग-अलग घटनाएं हुई थीं. First Updated : Tuesday, 23 April 2024