हिन्दी सिनेमा जगत की महिला फिल्म डायरेक्टर की देखें लिस्ट..
हम आपको उन महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो डायरेक्टर के तौर पर पुरुषों से भी आगे निकल गईं- हिंदुस्तान का इतिहास हमेशा से खास रहा है और समाज में महिलाओं का हमेशा से एक अहम योगदान रहा है, खासतौर पर हिंदी सिनेमा में।
Bollywood film industry: वैसे तो हिन्दी सिनेमा में पुरुषों का राज रहा है और अभी भी है लेकिन कुछ महिलाओं ने फिल्मों में अपनी क्रिएटिविटी दिखाई और अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। चाहे वो अभिनेत्री हों या फिर निर्माता, निर्देशक। बॉलीवुड फिल्मों में महिलाओं ने डायरेक्टर के तौर पर जिम्मेदारी उठाई और उसे बखूबी निभाया भी है।
हम आपको उन महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो डायरेक्टर के तौर पर पुरुषों से भी आगे निकल गईं- हिंदुस्तान का इतिहास हमेशा से खास रहा है और समाज में महिलाओं का हमेशा से एक अहम योगदान रहा है, खासतौर पर हिंदी सिनेमा में।क्योंकि एक वक्त था जब भारतीय सिनेमा में महिलाओं को फिल्मों में काम करना या फिर पर्दे पर महिलाओं का दिखना अच्छा नहीं समझा जाता था और एक पुरुष ही फिल्मों में महिलाओं का किरदार निभाया करते थे।
हालांकि आज का सिनेमा एक अभिनेत्री के बिना अधूरा है और अब महिला के बिना किसी फिल्म की कल्पना नहीं की जा सकती है। लेकिन आज महिलाएं न सिर्फ फिल्मों में किरदार निभा रही हैं बल्कि फिल्मों को निर्देशन का भी काम कर रही हैं।
फातिमा बेगम- भारत की पहली महिला फिल्म निर्देशक फातिमा ने जब फिल्म बनाई थी तब समाज में महिलाओं को लेकर कई रुढ़िवादी विचार थे। लेकिन इसकी परवाह किए बिना फातिमा बेगम ने साल 1926 में अपनी पहली फिल्म 'बुलबुले परिस्तान' का निर्देशन किया। यह फिल्म उस वक्त की एक बड़े बजट की फिल्म थी, जिसमें काफी अलग तकनीकियों का प्रयोग किया गया था। फातिमा बेगम अपने दौर की सुपरस्टार महिला कलाकार रहीं। फातिमा बेगम का जन्म साल 1892 में हुआ था। फातिमा बेगम एक भारतीय अभिनेत्री, निर्देशक और पटकथा लेखक थीं। उन्होंने अपने खुद का प्रोडक्शन हाउस 'फातिमा फिल्म्स' की शुरूआत की।
जोया अख्तर: हिन्दी सिनेमा पर अच्छी पकड़ बना चुकी जोया अख्तर ने 'लक बाइ चांस' और 'जिंदगी मिलेगी ना दोबारा' जैसी हिट फिल्मों का निर्देशन किया। जोया का जन्म अक्टूबर 1972 में हुआ। जोया अब के वक्त में बॉलीवुड में एक सफल महिला निर्देशक के रूप में जानी जाती है। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'गली ब्वॉय' को जोया ने ही डायरेक्ट किया था। जोया अख्तर ने अपने करियर की शुरुआत में पेप्सी, फिनोलेक्स सहित कई कमर्शियल एड फिल्मों में काम किया है। फिल्म 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' में बेहतरीन निर्देशन के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के फिल्म फेयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया है।
मीरा नायर: अपनी फिल्मों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली मीरा नायर पुरुषों को भी टक्कर देती हैं। मीरा का जन्म अक्टूबर 1957 में हुआ। इन्होंने अपने सफर की शुरुआत शार्ट फिल्म व डाक्यूमेंट्री से की। लेकिन आज इनका नाम देश की बेस्ट फिल्म निर्देशक में शामिल हैं। फिल्म 'सलाम बॉम्बे' ने मीरा नायर को बॉलीवुड में पहचान दिलाई। इतना ही नहीं इसी फिल्म को कांस फिल्म फेस्टिवल में गोल्डेन कैमरा अवार्ड भी मिला।
लीना यादव: महिला निर्देशकों में एक अलग पहचान बनाने वालीं लीना यादव का जन्म जनवरी 1971 में हुआ। इन्होंने हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'राजमा चावल' का निर्देशन किया। हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ ज्यादा कमाल नहीं कर सकी लेकिन इस फिल्म को दर्शकों ने खूब सराहा।
गौरी सिंधे: वैसे तो गौरी ने निर्देशक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत मराठी फिल्मों से की थी। गौरी का जन्म जुलाई 1974 हुआ। हिन्दी फिल्म जगत की उनकी पहली फिल्म 'इंग्लिश-विंग्लिश' है। इस फिल्म के माध्यम से गौरी ने दर्शकों से खूब वाहवाही लूटी और हिन्दी सिनेमा जगत में अपना अलग ही नाम स्थापित किया।आपको बता दें कि गौरी सिंधे फिल्म निर्देशक आर. बाल्की की पत्नी हैं।