The Kashmir Files को लेकर जूरी हेड के बयान पर मचा बवाल, जानिए क्या है पूरा मामला
53वें IFFI में जूरी हेड नदाव लपिड ने फिल्म The Kashmir Files को लेकर बयान दिया जिस पर सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा हुआ है
एक बार फिर से फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर विवाद शुरू हो चूका है। 9 महीने पहले यानी 11 मार्च 2022 को टॉकीज़ में रिलीज हुई थी। विवेक अग्निहोत्री की फिल्म एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। IFFI 2022 के क्लोसिंग सेरेमनी में ज्यूरी हेड और इजरायली फिल्ममेकर नदाव लपिड द्वारा फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर दिए गए विवादित बयान पर बवाल बढ़ता जा रहा है।
इजरायली फिल्ममेकर नदाव लपिड के इस बयान से मचा बवाल-
गोवा में चल रहे 53वें IFFI में फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर बोलते हुए नदाव लपिड ने कहा, ''फिल्म द कश्मीर फाइल्स से हम सभी परेशान और हैरान थे। यह मुझे एक प्रचार और अश्लील फिल्म की तरह लगी, जो इस तरह के प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के कलात्मक प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए जरूरी नहीं है। मैं यहां पर आपके साथ इन भावनाओं को खुले तौर पर साझा करने में पूरी तरह से सहज महसूस कर रहा हूं। इस उत्सव की भावना में, हम निश्चित रूप से एक आलोचनात्मक चर्चा को भी स्वीकार कर सकते हैं, जो कला और जीवन के लिए आवश्यक है।''
इजराइली फिल्मेकर के इस विवादित बयान को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा हुआ है। द कश्मीर फाइल्स में मुख्य भूमिका निभाने वाले एक्टर अनुपम खेर ने इस बयान की घोर निंदा की। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा-'झूठ का कद कितना भी ऊंचा क्यों ना हो.. सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा ही होता है..'।
झूट का क़द कितना भी ऊँचा क्यों ना हो..
— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 28, 2022
सत्य के मुक़ाबले में हमेशा छोटा ही होता है.. pic.twitter.com/OfOiFgkKtD
इसके बाद अभिनेता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ''हम जूरी हेड और इस्राइल के फिल्मकार नादव लापिड को सही तरीके से जवाब देंगे। यहूदी नरसंहार सही है तो कश्मीरी पंडितों का पलायन भी सही है। यह टूलकिट गैंग के एक्टिव होने के तुरंत बाद हुआ, लगता है प्री-प्लैंड था। उनके लिए इस तरह का बयान देना शर्मनाक है। एक यहूदी समुदाय से आने वाले, जिसने प्रलय का सामना किया, उसने ऐसा बयान देकर उन लोगों को भी पीड़ा दी है, जिन्होंने कई साल पहले इस त्रासदी को झेला था। ईश्वर उसे सद्बुद्धि दे ताकि वह हजारों-लाखों लोगों की त्रासदी का इस्तेमाल अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए न करे।''