अभिनेत्री साई पल्लवी ने शनिवार को कहा कि 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और हाल में भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं के बीच तुलना करने वाली उनकी हालिया टिप्पणी को संदर्भ से इतर कर देखा गया। पल्लवी (30) इस समय अपनी फिल्म ‘विराट पर्वम’ की रिलीज से पहले एक तेलुगु यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर विवादों में हैं।
तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्म उद्योगों में काम करने वाली पल्लवी ने अपनी टिप्पणियों को स्पष्ट करने के लिए इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया और कहा कि उनका इरादा किसी त्रासदी को कम करने का नहीं था।
उन्होंने वीडियो में कहा, “हाल ही में एक साक्षात्कार में मुझसे पूछा गया कि मैं वामपंथ की समर्थक हूं या दक्षिणपंथ की। मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि मुझे विश्वास है कि मैं तटस्थ हूं। हमें अपने विश्वासों के साथ खुद को पहचानने से पहले अच्छा इंसान बनने की जरूरत है। शोषित को किसी भी कीमत पर संरक्षित करने की आवश्यकता है।” पल्लवी ने कहा, “मेरा मानना है कि हिंसा किसी भी रूप में गलत है और किसी भी धर्म के नाम पर हिंसा बहुत बड़ा पाप है।” First Updated : Sunday, 19 June 2022