KK Birthday Anniversary: कड़ी मेहनत और जादुई आवाज के दम पर हर दिल अजीज थे केके

मशहूर प्लेबैक केके हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनकी यादें आज भी फैंस के जहन में ताजा हैं। आज भी केके के गाये गीत संगीत की महफ़िलों को रौशन करते हैं।

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केके यानि कृष्ण कुमार कुन्नथ हिंदी सिनेमा में ये नाम कोई नया नहीं है। हालांकि अब मशहूर प्लेबैक केके हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनकी यादें आज भी फैंस के जहन में ताजा हैं। आज भी केके के गाये गीत संगीत की महफ़िलों को रौशन करते हैं।

23 अगस्त 1968 को दिल्ली में जन्में केके का पूरा नाम कृष्णकुमार कुन्नथ था। केके ने अपनी स्कूली पढ़ाई दिल्ली के माउंट सेंट मैरी स्कूल से की। दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से कॉमर्स में उन्होंने स्नातक किया। गायकी का शौक उन्हें बचपन से ही था। दूसरी क्लास से ही उन्होंने स्टेज पर परफॉर्मेंस देनी शुरू कर दी थी। केके ने अपने बचपन के प्यार ज्योति कृष्णा से शादी की है। शादी से पहले उनके लिए नौकरी करना जरूरी था इसलिए केके ने होटल इंडस्ट्री में आठ महीने तक सेल्समैन की नौकरी की। लेकिन अचानक एक दिन उन्होंने ये नौकरी छोड़ दी और अपने दोस्तों के साथ मिलकर जिंगल्स बनाने लगे। उनके पास पैसे तो आने लगे लेकिन केके अपने काम से खुश नहीं थे। इसके बाद वो दिल्ली से मुंबई पहुंचे। इस दौरान ही केके की किस्मत बदली और उन्हें फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' के गाने 'तड़प तड़प' से बड़ा ब्रेक मिला। हालांकि उनका डेब्यू गाना फिल्म 'माचिस' में 'छोड़ आए हम' था इसमें उन्होंने दो लाइनें ही गाई थीं। बीच में उन्होंने कुछ गाने गाए लेकिन वो लोगों का ध्यान खींचने में सफल नहीं हो पाए।

'तड़प तड़प' गाने के बाद केके की गिनती बड़े गायकों में होने लगी। इसके बाद केके ने जरा सी दिल में दे जगह तू, हम रहें या न रहें कल, आँखों में तेरी अजब सी, तू जो मिला, तू ही मेरी शब है समेत कई हिट गाने गाये और अपनी गायिकी से दर्शकों के दिलों को जीता। इसी साल 31 मई को कोलकाता में एक कंसर्ट के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद दिल का दौरा पड़ने से केके का निधन हो गया। उनका आकस्मिक निधन संगीत की दुनिया के लिए गहरी क्षति है। केके हमेशा अपनी गायिकी की बदौलत दर्शकों के दिलों में जीवित रहेंगे। First Updated : Tuesday, 23 August 2022