'मैंने तबला बनाया, उन्होंने मेरी जिंदगी बना दी', सदमे में उस्ताद जाकिर हुसैन के लिए तबला बनाने वाले हरिदास व्हटकर
मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन के निधन के बाद उनका तबला बनाने वाले व्हटकर को गहरा सदमा लगा है. व्हटकर ने बताया कि उनकी आखिरी मुलाकात इस साल अगस्त में हुई थी. इस बारे में उन्होंने कहा, 'गुरु पूर्णिमा का दिन था. हम एक हॉल में मिले, जहां उनके कई प्रशंसक भी मौजूद थे.
मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है. आम जनता से लेकर प्रधानमंत्री, बॉलीवुड इंडस्ट्री तक भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं. वहीं मे जाकिर हुसैन के तबला मेकर हरिदास व्हटकर को भी गहरा सदमा लगा है. 59 वर्षीय व्हटकर ने भावुक होकर कहा कि मैंने सबसे पहले उनके पिता अल्ला रक्खा जी के लिए तबला बनाना शुरू किया. जाकिर हुसैन साहब के लिए 1998 से तबला बना रहा हूं. बता दें कि व्हटकर तीसरी पीढ़ी के तबला मेकर हैं.
अगस्त में हुई आखिरी मुलाकात
व्हटकर ने आगे बताया कि उस्ताद जाकिर हुसैन से उनकी आखिरी मुलाकात इस साल अगस्त में हुई थी. इस बारे में उन्होंने कहा, 'गुरु पूर्णिमा का दिन था. हम एक हॉल में मिले, जहां उनके कई प्रशंसक भी मौजूद थे. अगले दिन मैं उनके नेपियन सी रोड स्थित शिमला हाउस सोसाइटी के घर गया. हम घंटों बातचीत में मशगूल रहे.
तबले को लेकर थे परफेक्शनिस्ट
जाकिर हुसैन के तबले के प्रति लगाव और परफेक्शन की चर्चा करते हुए व्हटकर ने आगे कहा कि उन्हें हमेशा अपने तबले का सही ट्यूनिंग चाहिए होता था. वह तबले की हर छोटी-बड़ी बात का खास ध्यान रखते थे, कैसा बना है, और कब चाहिए?
बनाए तबलों की गिनती नहीं
व्हटकर ने बताया कि उन्होंने जाकिर हुसैन के लिए इतने तबले बनाए हैं कि गिनना मुश्किल है.' उनके कई तबले अभी भी मेरे पास हैं. मैं नए तबले बनाने के साथ पुराने तबलों की मरम्मत भी करता था. मैंने उनके लिए तबला बनाया और उन्होंने मेरी जिंदगी बना दी.
नियमित संपर्क नहीं, लेकिन गहरा जुड़ाव
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह जाकिर हुसैन से नियमित संपर्क में रहते थे, तो उन्होंने कहा, 'ज्यादा नहीं. वह तभी कॉल करते थे जब नया तबला चाहिए होता था या पुराने की मरम्मत करनी होती थी. हमारी बातचीत महीनों के अंतराल में होती थी. इसे नियमित संपर्क नहीं कह सकते.
जाकिर हुसैन को अंतिम विदाई
आपको बता दें कि मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का अमेरिका से सैन फ्रांस्किको में 73 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उन्हें इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस बीमारी थी.