राणा दग्गुबती, प्रकाश राज समेत 25 मशहूर हस्तियों के खिलाफ केस दर्ज, लगे ये आरोप
अभिनेता राणा दग्गुबती, प्रकाश राज, विजय देवरकोंडा समेत 25 मशहूर हस्तियों पर तेलंगाना में केस दर्ज हुआ है. कारोबारी फणींद्र सरमा की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि ये लोग अवैध सट्टेबाजी ऐप को बढ़ावा दे रहे हैं. इन अवैध प्लेटफॉर्म में हजारों-लाखों रुपए लगे हुए हैं और इससे कई परिवार संकट में हैं, ख़ास तौर पर मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के परिवार.

मशहूर अभिनेता राणा दग्गुबती, प्रकाश राज, विजय देवरकोंडा और मंचू लक्ष्मी समेत 25 हस्तियों पर तेलंगाना में मामला दर्ज किया गया है. इनपर अवैध सट्टेबाजी ऐप को बढ़ावा देने के आरोप है. कारोबारी फणींद्र सरमा की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में मशहूर हस्तियों और प्रभावशाली लोगों में प्रणीता, निधि अग्रवाल, अनन्या नागल्ला, सिरी हनुमंथु, श्रीमुखी, वार्शिनी साउंडराजन, वसंती कृष्णन, शोबा शेट्टी, अमृता चौधरी, नयनी पावनी, नेहा पठान, पांडु, पद्मावती, इमरान खान, विष्णु प्रिया, हर्षा साई, सनी यादव, श्यामला, टेस्टी तेजा और बंडारू शेषयानी सुप्रिता शामिल हैं.
कई परिवार संकट में
एफआईआर में कहा गया है कि ये प्लेटफॉर्म मशहूर हस्तियों और प्रभावशाली लोगों की मदद से सोशल मीडिया विज्ञापनों के जरिए अपने ऐप और वेबसाइट का प्रचार करते हैं. इसमें कहा गया है, "इन अवैध प्लेटफॉर्म में हजारों-लाखों रुपए लगे हुए हैं और इससे कई परिवार संकट में हैं, ख़ास तौर पर मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के परिवार."
अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को मिल रहा बढ़ावा
शिकायतकर्ता ने कहा है कि लोग इन ऐप्स का सक्रिय रूप से उपयोग कर रहे हैं और कई लोग अपनी मेहनत की कमाई खो चुके हैं. उन्होंने कहा है कि वह भी ऐसी ही एक वेबसाइट में पैसे जमा करने वाले थे, लेकिन उनके परिवार ने उन्हें चेतावनी देने के बाद उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया. शिकायतकर्ता ने कहा है कि कई मशहूर हस्तियां और प्रभावशाली लोग बड़ी रकम और पारिश्रमिक स्वीकार करने के बाद इन अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहे हैं.
लोग आर्थिक रूप से हो रहे बर्बाद
एफआईआर में कहा गया है, "ये प्लेटफॉर्म लोगों को, खासकर उन लोगों को जिन्हें पैसे की सख्त जरूरत है, अपनी मेहनत की कमाई और परिवार के पैसे को उन ऐप्स/वेबसाइटों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं और धीरे-धीरे उनकी लत लगा रहे हैं, जिससे लोग आर्थिक रूप से बर्बाद हो रहे हैं." एफआईआर धोखाधड़ी से संबंधित भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और राज्य कानूनों की प्रासंगिक धाराओं के तहत दर्ज की गई है.