एक्टर विशाल द्वारा लगाए गए सेंसर बोर्ड रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच CBI ने ली

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कथित भ्रष्टाचार के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड और मुंबई लोक सेवकों सहित तीन व्यक्तियों और अज्ञात अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

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केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को इन दिनों बड़े पैमाने पर विवाद का सामना करना पड़ रहा है. असल में, पिछले कुछ दिनों से साउथ भारतीय फिल्मों के फेमस अभिनेता विशाल ने बोर्ड पर आरोप लगाया है. जब से उन्होंने सेंसर बोर्ड पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है, तब से CBFC से लेकर मंत्रालय तक का माहौल बिगड़ा हुआ देखने को मिल रहा है. 

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कथित भ्रष्टाचार के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड और मुंबई लोक सेवकों सहित तीन व्यक्तियों और अज्ञात अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सीबीआई जांच में नामित तीन निजी व्यक्तियों में मर्लिन मेनागा, जीजा रामदास और राजन एम शामिल हैं.

चेन्नई स्थित अभिनेता और निर्माता विशाल ने आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी फिल्म 'मार्क एंटनी' के हिंदी संस्करण की स्क्रीनिंग और प्रमाणन के लिए 6.50 लाख रुपये का भुगतान किया था. 

आरोप के अनुसार इस साल सितंबर में, एक निजी व्यक्ति ने 7 लाख रुपये की रिश्वत लेने और हिंदी में डब की गई फिल्म के लिए सीबीएफसी, मुंबई से आवश्यक सेंसर प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए अन्य लोगों के साथ साजिश रची थी. रिपोर्ट के अनुसार शुरुआत में सीबीएफसी मुंबई के अधिकारियों की ओर से शिकायतकर्ता से 7 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी फिर बाद में बातचीत के बाद, उसने किसी और के बैंक खातों में 6.54 लाख रुपये रिश्वत के रूप में स्वीकार किए थे. 

इसके बाद 26 सितंबर को कथित तौर पर हिंदी में डब की गई फिल्म के लिए सीबीएफसी, मुंबई द्वारा आवश्यक प्रमाणपत्र जारी किया गया था. 

बता दे कि 29 सितंबर को एक्टर विशाल ने अपने एक्स ऐप पर एक मैसेज पोस्ट किया था. उन्होंने कहा, "सिल्वर स्क्रीन पर भ्रष्टाचार दिखाया जाना ठीक है. लेकिन असल जिंदगी में नहीं. हजम नहीं होता. खासकर सरकारी दफ्तरों में. और #CBFC मुंबई दफ्तर में तो और भी बुरा हो रहा है. मेरी फिल्म #'मार्क एंटनी' हिंदी वर्जन के लिए 6.5 लाख रुपये देने पड़े."  First Updated : Thursday, 05 October 2023