अमीर परिवार की बेटी होने के बाद भी करना पड़ा संघर्ष, कम उम्र में पति को खोने के बाद ऐसे बनीं इंडस्ट्री की मां
मुगल-ए-आजम और आनंद जैसी चर्चित फिल्मों से अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाली दुर्गा खोटे को आज भी कई वजहों से याद किया जाता है. उन्होंने उस दौर में ऐसे फैसले लिए थे, जिसकी वजह से वो आज की अभिनेत्रियों पर भी भारी पड़ती हैं. एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें इंडस्ट्री की 'मां' कहा जाता था.
Durga Khote: बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा दुर्गा खोटे ने अपने समय में सिनेमा जगत को कई यादगार फिल्में दी हैं. 'मुगल-ए-आजम' और 'आनंद' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में अपने अभिनय से उन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. 14 जनवरी को उनकी जयंती पर आइए जानते हैं उनकी जिंदगी के संघर्ष और सफलता की कहानी.
अमीर परिवार से ताल्लुक
आपको बता दें कि दुर्गा खोटे का जन्म एक समृद्ध परिवार में हुआ था. मात्र 18 वर्ष की आयु में उनकी शादी विश्वनाथ खोटे से हुई, जो एक मैकेनिकल इंजीनियर थे. शादी के बाद उनका जीवन सुखमय चल रहा था और उनके दो बेटे भी हुए.
जीवन में आया दुखद मोड़
वहीं आपको बता दें कि महज 24 साल की उम्र में दुर्गा खोटे के पति का निधन हो गया, जिससे उनकी जिंदगी में आर्थिक संकट आ गया. मजबूर होकर उन्होंने अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया. इस कठिन समय में उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
फिल्मों की ओर रुख
बताते चले कि आर्थिक तंगी और बेटे की मृत्यु के गम ने दुर्गा खोटे को फिल्मी दुनिया की ओर मोड़ दिया. उन्होंने हिंदी, मराठी और बंगाली फिल्मों में काम किया और अपने अभिनय का लोहा मनवाया. उनकी पहली फिल्म 'फरेबी जाल' थी. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में मां का किरदार निभाकर एक अलग पहचान बनाई.
'मुगल-ए-आजम' से मिली नई पहचान
वहीं 1960 में आई फिल्म 'मुगल-ए-आजम' में दुर्गा खोटे ने जोधाबाई का किरदार निभाया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा. इसके अलावा 'भरत मिलाप' में कैकयी का किरदार भी दर्शकों को बेहद पसंद आया. उनकी बेहतरीन अदाकारी ने उन्हें बॉलीवुड की 'मां' का दर्जा दिलाया.
दुर्गा खोटे की यादगार फिल्में
इसके अलावा दुर्गा खोटे ने 'दौलत के दुश्मन', 'बॉबी', 'मेरे भैया', 'आनंद', 'कर्ज', 'चोर सिपाही', 'बावर्ची', 'गोपी', 'खिलौना', 'पापी', 'दादी मां' और 'सपनों का सौदागर' जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय किया.
बहरहाल, दुर्गा खोटे ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपनी काबिलियत से सिनेमा जगत में अमिट छाप छोड़ी. उनकी जिंदगी और संघर्ष आज भी प्रेरणादायक है.