नेहरू के रिश्तेदार ने निभाया था पहला भगत सिंह का किरदार, जानिए कौन थे वो अभिनेता!
23 मार्च को भारत में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी. भगत सिंह के विचारों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी और उनकी वीरता को किताबों से लेकर सिनेमा तक हर जगह दर्शाया गया. इस बीच आज हम आपको भगत सिंह की भूमिका निभाने वाले पहले अभिनेता के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका कनेक्शन नेहरू परिवार से था. तो चलिए जानते हैं.

भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी. उनकी शहादत को याद करते हुए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है. भगत सिंह का क्रांतिकारी जीवन न केवल इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ, बल्कि फिल्मों और कला के माध्यम से भी उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई.
क्या आप जानते हैं कि 1954 में पहली बार भगत सिंह के जीवन पर बनी फिल्म में उन्हें बड़े पर्दे पर दिखाया गया था? और सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस फिल्म में भगत सिंह की भूमिका निभाने वाले पहले अभिनेता भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के रिश्तेदार थे. अगर नहीं तो चलिए जानते हैं.
भगत सिंह का किरदार निभाने वाले पहले अभिनेता
साल 1954 में निर्देशक जगदीश गौतम ने भगत सिंह के जीवन पर आधारित फिल्म 'शहीद-ए-आजम' बनाई. यह फिल्म इतनी प्रभावशाली रही कि इसके बाद भगत सिंह पर कई और फिल्में बनने लगीं. इस फिल्म में स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की भूमिका मशहूर अभिनेता प्रेम अदीब ने निभाई थी. प्रेम अदीब के साथ इस फिल्म में स्मृति बिस्वास और ऐशिता मजूमदार भी मुख्य भूमिकाओं में नजर आए थे. यह फिल्म सिर्फ भगत सिंह की कहानी ही नहीं बताती, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की वीरगाथा को भी सिल्वर स्क्रीन पर जीवंत कर देती है.
कौन थे प्रेम अदीब?
आपको बता दें कि प्रेम अदीब का जन्म 10 अगस्त 1916 को कश्मीरी परिवार में हुआ था. उनके पिता फैजाबाद में टैक्स कलेक्टर थे. अभिनय की दुनिया में उनका प्रवेश तब हुआ जब उन्होंने 'अनारबाला' नाम की फिल्म देखी, जिसने उन्हें प्रेरित किया. बहुत कम लोग जानते हैं कि प्रेम अदीब, पंडित जवाहरलाल नेहरू के रिश्तेदार थे. भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू की साली शीला कौल (जो बाद में हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल बनीं) प्रेम अदीब की साली थीं. इस नाते, प्रेम अदीब और नेहरू आपस में समधी थे.
भगत सिंह पर बनीं कई ऐतिहासिक फिल्में
भगत सिंह की जिंदगी से प्रेरणा लेकर कई फिल्म निर्माताओं ने उनकी कहानी को पर्दे पर दिखाने की कोशिश की.
1963: शम्मी कपूर अभिनीत 'शहीद भगत सिंह', जिसे के.एन. बंसल ने निर्देशित किया.
1965: मनोज कुमार ने 'शहीद' फिल्म बनाई, जिसे राम शर्मा ने निर्देशित किया.
2002: अजय देवगन ने 'द लीजेंड ऑफ भगत सिंह' में क्रांतिकारी का किरदार निभाया. इस फिल्म का निर्देशन राजकुमार संतोषी ने किया था.
2002: इसी साल बॉबी देओल की फिल्म 'शहीद' भी आई, जिसमें भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों की कहानी दिखाई गई.
2006: 'रंग दे बसंती' में सिद्धार्थ ने भगत सिंह का किरदार निभाया, जिसे राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने निर्देशित किया.
भगत सिंह की कहानी हमेशा रहेगी जिंदा
भगत सिंह की विचारधारा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रही, बल्कि फिल्मों और कला के जरिए भी वह हर पीढ़ी को प्रेरित करते रहेंगे. आज भी उनकी कहानियां सुनकर और फिल्में देखकर युवा पीढ़ी स्वतंत्रता संग्राम के उन नायकों से जुड़ती है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आजादी दिलाई.